भोपाल। मध्यप्रदेश में उपचुनाव के चलते सियासी उठापठक का दौरा जारी है। बागी विधायकों की वजह से बीजेपी में भी फूट पड़ने लगी है। आगामी उपचुनाव में देवास जिले की हाटपिपल्या सीट से बीजेपी के पूर्व विधायक डॉक्टर तेज सिंह सैंधव बीजेपी से बगावत करने की तैयारी में हैं। तेज सिंह सैंधव ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया है। उन्होंने कहा है कि अगर उन्हें हाटपिपल्या से टिकट नहीं मिलता तो वे निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरेंगे।

बहुमत वाली सरकार गिराना लोकतंत्र की मर्यादा के खिलाफ

कांग्रेस की सरकार गिराने पर उन्होंने कहा कि अगर जनता ने किसी दल को बहुमत दिया था, तो उसे मौका दिया जाना चाहिए। कमलनाथ सरकार को गिराने के फैसले को उन्होंने गलत ठहराया, सरकार गिराने को लोकतंत्र की मर्यादा के खिलाफ किया कार्य कहा।

बीजेपी की नीति नहीं जानने वालों को टिकट देना गलत

तेज सिंह सैंधव ने कहा कि जो लोग बीजेपी की नीति ही नहीं जानते उन्हें टिकट देना गलत है। सैंधव ने कहा कि हम ने पार्टी के लिए खून पसीना बहाया है, जनसंघ के दौर से पार्टी के लिए काम किया है। 19 महीने जेल में रहकर तकलीफें सही हैं। अगर हम ही गलत का विरोध नहीं करेंगे तो कौन करेगा। उन्होंने कहा कि बीजेपी उन्हें या फिर पार्टी के ही किसी सदस्य को उपचुनाव में टिकट दे, किसी बाहर से आए व्यक्ति को टिकट नहीं दिया जाना चाहिए।

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कैलाश विजयवर्गीय को मानते हैं राजनीतिक गुरु

तेज सिंह सैंधव कैलाश विजयवर्गीय को अपना राजनीतिक गुरू मानते हैं। 1977 में जनता पार्टी से पहली बार चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी। 1980, 1990 और 1998 में तेजसिंह सैंधव ने जीत हासिल की। वहीं 1993 और 2003 में राजेंद्र सिंह ने बीजेपी को हराया। 2008 और 2013 में पूर्व मंत्री दीपक जोशी यहां से जीतते रहे हैं। 2018 में दीपक जोशी को मनोज चौधरी ने शिकस्त दी थी। और अब मनोज चौधरी के बीजेपी में शामिल होने के बाद यहां का सियासी समीकरण बदल गया है।

हाटपिपल्या तेज सिंह सैंधव के चुनावी मैदान में उतरने से यहां का मुकाबला दिलचस्प हो जाएगा। आपको बता दें कि तेज सिंह सैंधव की यहां अच्छी पकड़ है। हाटपिपल्या में सैंधव वोट करीब 17000 हैं। अगर वे चुनाव में खड़े होते हैं तो यह मतदाता वर्ग बीजेपी से दूर हो सकता है। अब हाटपिपल्या सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है। जहां बीजेपी से मनोज चौधरी तो कांग्रेस ने राजवीर सिंह बघेल मैदान में हैं। ऐसे में तेज सिंह सैंधव के बगावती तेवर से बीजेपी की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं।