MP By-poll: जानिए मध्य प्रदेश उपचुनाव चुनाव से जुड़ी अहम तारीखें और अन्य जरूरी बातें

MP By-Poll: विधानसभा की 28 सीटों के लिए डाले जाएंगे वोट, इनमें से 27 सीटें पहले कांग्रेस के पास थीं

Updated: Oct 04, 2020, 11:58 PM IST

Photo Courtesy: Outlook
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चुनाव आयोग ने मंगलवार, 29 सितंबर को मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव कार्यक्रम की अहम तारीखों का ऐलान कर दिया है। इस चुनाव कार्यक्रम की अहम तारीखें इस तरह हैं : 

 
                                मध्य प्रदेश उपचुनाव का कार्यक्रम
चुनाव की अधिसूचना 9 अक्टूबर (शुक्रवार)
नामांकन 16 अक्टूबर (शुक्रवार)
नामांकन पत्रों की जांच 17 अक्टूबर (शनिवार)
नाम वापसी की अंतिम तारीख 19 अक्टूबर (सोमवार)
वोटिंग 3 नवंबर (मंगलवार)
नतीजे 10 नवंबर (मंगलवार)

मध्य प्रदेश की इन 28 सीटों पर होने हैं उप-चुनाव
मध्य प्रदेश की जिन 28 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, वे हैं: ग्वालियर, डबरा, बमोरी, सुरखी, सांची, सांवेर, सुमावली, मुरैना, दिमनी, अंबाह, मेहगांव, गोहद, ग्वालियर पूर्व, भांडेर, करैरा, पोहरी, अशोकनगर, मुंगावली, अनूपपुर, हाटपिपल्या, बदनावर, सुवासरा, बड़ा मलहरा, नेपानगर, मंधाता, जोरा, आगर और ब्यावरा।

28 में 27 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा था
मध्य प्रदेश की जिन 28 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव हो रहे हैं, उनमें से 27 पर पहले कांग्रेस का कब्जा था। प्रदेश की 230 सदस्यों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 116 सीटें होना जरूरी हैं। अगर भाजपा उपचुनाव में बेहतर प्रदर्शन करती है, तो उसकी सरकार और मजबूत हो जाएगी। जबकि कांग्रेस का लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतकर बार एक फिर से प्रदेश में अपनी सरकार बनाने का होगा। 

मध्य प्रदेश विधानसभा की मौजूदा स्थिति

मध्य प्रदेश विधानसभा की कुल 230 सीटों में 28 खाली हैं। बाकी बची 202 सीटों में फिलहाल भाजपा के पास 107, कांग्रेस के पास 88, बसपा के पास 2 और सपा के पास 1 और निर्दलीय विधायकों की 4 सीटें हैं।

2018 के विधानसभा चुनाव के बाद की स्थिति

2018 के पिछले विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश विधानसभा की 230 में से 114 सीटें कांग्रेस के पास थीं, जबकि भाजपा के पास 109, बसपा के पास 2, सपा के पास 1 और 4 सीटें निर्दलीय विधायकों के कब्जे में थीं।

शिवराज, ज्योतिरादित्य और कमलनाथ की साख दांव पर
भाजपा अपनी सत्ता बचाने और कांग्रेस नेता कमलनाथ छह महीने पहले खोई सत्ता वापस पाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया की साख भी इस चुनाव में दांव पर है, क्योंकि जिन 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहा है, उनमें 16 सीटें सिंधिया के असर वाले ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की हैं।