जबलपुर। शहर में दिव्यांगों को बांटी गई ट्राईसाइकिल में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। बड़ी संख्या में दिव्यांगों का आरोप है कि मदद के नाम पर दी गई ट्राईसाइकिल खराब हैं। आए दिन उनकी बैटरी खराब हो रही हैं। जिसके लिए उन्हें कंपनी के पास सुधरवाने जाना पड़ता है। कंपनी वाले इसके लिए हजारों रुपए मांगते हैं। दिव्यांगों का कहना है कि उनकी आर्थिक हालत कमजोर है, वे बार-बार बैटरी के लिए हजारों रुपए खर्च करने में सक्षम नहीं हैं।

दिव्यांगों ने इसे लेकर कलेक्ट्रेल में प्रदर्न किया। उनका आरोप है कि उन्हें सरकार द्वारा खराब बैटरी वाली ट्राईसाइकिल बांटी गई है। अब यही ट्राईसाइकिल उनके लिए परेशानी का कारण बन गई है। बार-बार बैटरी खराब होने की वजह से दिव्यांगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दिव्यांगों ने कलेक्ट्रेट का घेराव कर प्रदर्शन किया।खराब बैटरी की परेशानी झेल रहे एक बुजुर्ग दिव्यांग का कहना है कि युवा दिव्यांग तो किसी तरह ट्राईसाइकिल में धक्का लगाकर अपना काम चला लेते हैं। सबसे ज्यादा परेशानी का सामना बुजुर्गों और महिलाओं को करना पड़ रहा है।

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 दिव्यांगों की मानें तो ये बैटरी चलित ट्राईसाइकिल सरकार द्वारा सब्सिडी में दी गई है। जिनमें कुछ ही महीनों में खराबी आ रही है। दिव्यांगों का कहना है कि बार-बार बैटरी खराब होने से वह उनके किसी काम नहीं आ रही है। अब दिव्यागों ने सरकार से से ट्राईसाइकिल की जगह ई-रिक्शे की मांग की है। ताकि वे अपना रोजगार कर परिवार चला सकें। शुक्रवार को दिव्यांगों ने कलेक्ट्रेट परिसर में कलेक्टर की गाड़ी रोकी। वहीं कलेक्टर ने भी दिव्यांगों की समस्या का निराकरण करने का आश्वासन दिया है।