इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या पर प्रदेश हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए नगर निगम को कड़ी फटकार लगाई है। शुक्रवार को हुई सुनवाई में प्रशासनिक जज विजय कुमार शुक्ला और जस्टिस बीके द्विवेदी की खंडपीठ ने कहा कि हालात ऐसे हो गए हैं कि शहर में बच्चों का सुरक्षित रूप से बाहर निकलना तक मुश्किल हो गया है। अदालत ने साफ चेतावनी दी कि यदि जल्द प्रभावी कदम नहीं उठाए गए तो आवारा कुत्तों के नसबंदी अभियान पर न्यायिक जांच कराई जाएगी।
सुनवाई के दौरान इंदौर नगर निगम ने दावा किया कि अब तक 2.39 लाख से अधिक आवारा पशुओं की नसबंदी की जा चुकी है और अभियान लगातार जारी है। इस पर कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए इन आंकड़ों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। बेंच ने टिप्पणी की है कि ये आंकड़े घोटाले जैसे प्रतीत होते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि जमीनी हकीकत इससे उलट है। न्यायालय ने कहा कि जब न्यायाधीश स्वयं शहर में निकलते हैं तो हर इलाके में आवारा कुत्तों के झुंड दिखाई देते हैं।
यह भी पढ़ें:JIO ने लागू किया CNAP सर्विस, अब कॉल उठाने से पहले दिखेगा कॉलर का असली नाम
कोर्ट ने यह भी कहा कि रात के समय बाहर निकलना लोगों के लिए खतरनाक हो गया है और दोपहिया वाहन चालकों पर आवारा कुत्तों के हमले लगातार बढ़ रहे हैं। इससे न केवल आम नागरिकों की सुरक्षा पर असर पड़ रहा है बल्कि बच्चों के सामाजिक और मानसिक विकास पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
खंडपीठ ने नगर निगम को निर्देश दिए कि शहर के प्रमुख स्थानों से आवारा कुत्तों को हटाने के लिए त्वरित, सख्त और प्रभावी कार्रवाई की जाए। अदालत ने स्पष्ट किया कि समस्या को टालने या कागजी दावों से काम नहीं चलेगा। यदि हालात में जल्द सुधार नहीं दिखा तो नसबंदी अभियान सहित पूरे मामले की न्यायिक जांच कराई जाएगी। इस प्रकरण में अगली सुनवाई 12 जनवरी को निर्धारित की गई है। कोर्ट ने संकेत दिए हैं कि तब तक नगर निगम को ठोस कदम उठाकर स्थिति में वास्तविक सुधार दिखाना होगा नहीं तो कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
यह भी पढ़ें:T-20 World Cup 2026 के लिए टीम इंडिया का ऐलान, शुभमन गिल बाहर, रिंकू-ईशान को मौका