उज्जैन/भोपाल। अपने आप को आईपीएस अधिकारी और बीजेपी नेता का करीबी बताने वाले एक ठग को उज्जैन की एसटीएफ ने अपनी गिरफ्त में लिया है। एसटीएफ ने उसके पास से सौ से अधिक चेकबुक बरामद किए हैं। 

इंदौर निवासी ज्योतिर्मयी विजयवर्गीय इंदौर से भोपाल की ओर निकला था। रास्ते में उसने टोल से बचने के लिए अपनी पहचान एक आईपीएस अधिकारी के तौर पर बताई। अमलोहा टोल प्लाजा पर पहुंच कर खुद को आईपीएस अधिकारी बताते हुए कहा कि उसे तीन चार लोगों की नौकरी लगवानी है। 

टोल कर्मियों को जब विजयवर्गीय पर शक हुआ तब उन्होंने आनन फानन में उज्जैन एसटीएफ को कॉल किया। टोल कर्मियों ने पुलिस को विजयवर्गीय द्वारा खुद को आईपीएस बताने की जानकारी देते हुए कहा कि हमें शंका है कि यह व्यक्ति फर्जी है।

सूचना मिलने के बाद उज्जैन एसटीएफ मौके पर पहुंच गई और ज्योतिर्मयी विजयवर्गीय को अपनी हिरासत में ले लिया। पड़ताल करने पर पुलिस को पता चला है कि यह व्यक्ति सुविधानुसार खुद को कभी आईपीएस अधिकारी तो कभी बीजेपी के बड़े नेता का परिचित बता कर लोगों से नौकरियों के नाम पर पैसे की ठगी करता था। पुलिस को उसके पास से 100 से ज़्यादा चेकबुक बरामद हुए हैं। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार इसके ऊपर इंदौर के लसूड़िया और सिमरौल थाने के साथ उज्जैन और मुंबई में भी आरोपी के खिलाफ प्रकरण दर्ज हैं। ज्योतिर्मयी विजयवर्गीय ने पुलिस को बताया कि वो खुद को विपिन माहेश्वरी नामक आईपीएस अधिकारी बता कर लोगों से ठगी करता था। विजयवर्गीय जिस कार में सवार होकर उज्जैन जा रहा था वह कार भी फर्जी तरीके ख़रीदी गई है। आरपी ने बताया कि उसने लगज़री कार खरीदने के समय विक्रेता को 14 लाख रुपए का फर्जी चेक थमा दिया था।