भोपाल। मध्य प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने और सैलानियों को स्थानीय संस्कृति से परिचित कराने के लिए होम स्टे योजना पर ज़ोर दिया जा रहा है। छतरपुर ज़िले के पांच गांवों में विलेज़ होम स्टे की योजना शुरू की जा रही है। इसे बाहर से आने वाले सैलानी गांवों में रहकर वहां के रहन-सहन को करीब से समझ सकेंगे। साथ ही स्थानीय लोगों को इससे रोजगार भी मिलेगा। फिलहाल होम स्टे के लिए राजपुर ब्लॉक के रामनगर, चंदनपुरा और नौगांव ब्लॉक के ग्राम गोरा में आवास बनाए जा रहे हैं।

सरकार ने इस योजना को सफल बनाने के लिए कुछ नियम-कायदे भी बनाए हैं, जिनका पालन करना ज़रूरी होगा। इसमें सैलानियों के साथ अच्छा बर्ताव रखने और शान्ति भंग करने वाली किसी भी गतिविधि से दूर रहने जैसी बातें शामिल हैं। इसके अलावा पर्यटकों की प्राइवेसी में दखल नहीं देने का ध्यान भी रखना होगा। यात्रियों के लिए मुहैया कराई जाने वाली जगह की साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखना होगा। दुनिया के तमाम देशों में सैलानियों के बीच होम-स्टे काफी लोकप्रिय है। लेकिन इसकी सफलता होम स्टे की क्वॉलिटी को बरकरार रखने पर निर्भर है।

मध्य प्रदेश शासन ने 2010 में देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए बेड एंड ब्रेकफास्ट योजना लागू की थी। अब इस योजना की नए सिरे से ब्रैंडिंग की जा रही है। इसके प्रचार-प्रसार के साथ ही प्रशिक्षण पर भी ध्यान दिया जाएगा।  इस योजना के तहत मकान के मालिक अपने घर का एक हिस्सा पर्यटकों के रहने के लिए उपलब्ध करा सकेंगे। इसके अलावा पर्यटकों के लिए भोजन सहित अन्य आवश्यक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा सकेंगी। ऐसा करने पर उसे आवासीय सम्पत्ति का कॉमर्शियल इस्तेमाल नहीं माना जाएगा।