भोपाल। बुधवार को खंडवा में यूथ कांग्रेस द्वारा लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन किया जाना खंडवा प्रशासन को ज़रा भी रास नहीं आया। खंडवा प्रशासन ने पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव और यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत भूरिया सहित कांग्रेस के कुल 21 नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ यह मुकदमा धारा 188 के तहत दर्ज किया गया है। 



कांग्रेस के नेताओं पर यह मुकदमा कोरोना के नियमों के तहत राजनीतिक गतिविधियों पर प्रतिबंध होने की वजह से किया गया है। यूथ कांग्रेस का प्रदर्शन होने के बाद देर रात करीब 11.45 बजे कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। खंडवा प्रशासन की इस कार्रवाई को लेकर यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने महात्मा गांधी के एक कथन को साझा करते हुए कहा है कि पहले वे आपको नज़रअंदाज़ करते हैं,फिर वे आप पर हंसते हैं,फिर वे आपसे लड़ते हैं,फिर आप जीत जाते हैं !! 





दरअसल बुधवार को अरुण यादव और विक्रांत भूरिया के नेतृत्व में यूथ कांग्रेस के नेताओं ने पानी की समस्या से जूझ रही खंडवा की जनता के लिए प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेताओं ने गांधी भवन से निगम तिराहे तक रैली निकाली। इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने केवलराम चौराहे पर सांकेतिक फांसी लगाई। निगम तिराहे पर कांग्रेस नेताओं ने सीएम का पुतला फू्ंकना चाहा लेकिन वहां मौजूद पुलिस ने नेताओं को ऐसा करने से रोक लिया। जिसके बाद कांग्रेस नेताओं ने सीएम की तस्वीर फाड़कर विरोध प्रदर्शन किया। देर रात खंडवा प्रशासन ने नेताओं पर मुकदमा दर्ज कर लिया।  



यूथ कांग्रेस में सिर्फ शेर की जगह है : भूरिया 



यूथ कांग्रेस के इस प्रदर्शन में कांग्रेस के कुछ नेताओं की अनुपस्थिति पर विक्रांत भूरिया ने सख्त लहजे में वहां मौजूद यूथ कांग्रेस के नेताओं को यह स्पष्ट तौर पर समझा दिया कि यूथ कांग्रेस में अब उन्हीं लोगों की जगह रहेगी जो शेर हैं। यहां अब गीदड़ों की जगह नहीं है। विक्रांत भूरिया ने कहा कि जो कांग्रेस के समर्थन में साथ नहीं रह सकते उन्हें वे खुद बाहर का रास्ता दिखाएंगे। 



विक्रांत भूरिया दिसंंबर 2020 में यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर निर्वाचित हुए हैं। विक्रांत के पद संभालने के बाद से ही यूथ कांग्रेस एक्शन मोड में रही है। किसानों की समस्या से लेकर महंगाई, बेरोज़गारी,अपराध जैसे हर मुद्दे पर विक्रांत भूरिया के नेतृत्व में यूथ कांग्रेस शिवराज सरकार से लेकर केंद्र सरकार को घेरते आई है।