चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने आज एक अहम फैसला लेते हुए राज्य की सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 33% आरक्षण को मंजूरी दे दी है। पंजाब के मुख्यमंत्री कार्यालय से आई जानकारी के अनुसार पंजाब मंत्रिपरिषद ने सिविल सेवाओं की सीधी भर्ती प्रक्रियाओं में महिला आरक्षण को लागू कर दिया है। इसके साथ ही सरकारी नौकरियों में सीधी भर्ती, बोर्ड्स और कॉर्पोरेशन के ग्रुप ए,बी, सी और डी के पदों पर भर्ती में भी महिलाओं को 33% रिजर्वेशन का फायदा मिलेगा। पंजाब सरकार ने अपने इस फैसले को महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण फैसला बताया है। 





पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब की महिलाओं के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है। आज हमारी मंत्रिपरिषद ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 33% आरक्षण को मंजूरी दी है। मुझे यकीन है कि यह फैसला हमारी बेटियों को सशक्त बनाने में मील का पत्थर साबित होगा और पहले से भी ज्यादा समानता मूलक समाज बनाने में मदद करेगा।





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सरकार ने शुरू की स्टेट रोजगार योजना 



महिला आरक्षण के साथ ही पंजाब सरकार ने स्टेट रोजगार योजना 2020-22 को भी मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत पंजाब सरकार 2022 तक प्रदेश में एक लाख से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरी देने का काम करेगी। इस योजना के तहत सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों को जल्दी से जल्दी भरा जाएगा। साथ ही इस योजना के तहत सरकारी विभागों, बोर्ड्स, कॉर्पोरेशन्स और एजेंसियों में युवाओं को नौकरिया दी जाएंगी। इन सारी नौकरियों में चुने जाने वाले लोगों को केंद्र सरकार के मानकों के हिसाब से वेतन दिया जाएगा। इस बात की घोषणा पहले ही पंजाब सरकार के कैबिनेट ने कर दी थी। 



पहले जिन राज्यों ने लागू किया महिला आरक्षण



बिहार और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 33-50% आरक्षण की व्यवस्था है। मध्य प्रदेश ने साल 1998 में दिग्विजय सिंह सरकार ने सरकारी नौकरियों में 33 फीसदी आरक्षण दिया था। उन्हीं के कार्यकाल में 1999 में पुलिस में भी महिलाओं को 33% आरक्षण दिया गया। बीजेपी सरकार आने के बाद टीचिंग स्टाफ के तौर पर महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था लागू की गई।  बिहार सरकार ने भी 2018 में सभी वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था को लागू किया था।