नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार कॉरपोरेट घरानों खासकर मुकेश अंबानी और गौतम अडानी की मदद को लेकर निशाने पर रहती है। इसी बीच बीजेपी के एक सांसद ने इन दोनों उद्योगपतियों की तुलना भगवान से कर दी है। बीजेपी सांसद के जे अल्फोंस ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि अंबानी और अडानी की इसलिए पूजा की जानी चाहिए क्योंकि वे लोगों को नौकरियां दे रहे हैं। 

दरअसल, संसद के बजट सत्र में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बताया कि पिछले तीन साल में करीब 10 हजार लोगों ने बेरोजगारी की वजह से आत्महत्या कर ली है। केंद्र सरकार के इस जवाब के बाद विपक्षी सांसदों ने बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार को जमकर घेरा। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस के दौरान बीजेपी सांसद के जे अल्फोंस ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि विपक्ष हम पर पूंजीपतियों के मुखपत्र होने का आरोप लगा सकती है। 

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बीजेपी सांसद ने आगे कहा कि जिन लोगों ने इस देश में नौकरियां पैदा की हैं, मैं उन लोगों का नाम लेता हूं क्योंकि आपने भी उन लोगों का नाम लिया है। चाहे वह अंबानी हो, अडानी हो, कोई भी हो, उनकी पूजा की जानी चाहिए। क्योंकि वे लोग रोजगार के अवसर पैदा करते हैं। इस देश में पैसा बनाने वाला हर उद्योगपति रोजगार पैदा करता है। उन्होंने नौकरियों के अवसर पैदा किए हैं। इसलिए उनका सम्मान करने की जरूरत है।

के जे अल्फोंस ने इस दौरान यह भी कहा कि वैश्विक असमानताएं एक सच्चाई है। उन्होंने कहा, 'विपक्ष कहता है कि दो लोगों की संपत्ति बढ़ी है। एलन मस्क की संपत्ति 1016 फीसदी बढ़ गई है। क्या आपको इसकी जानकारी है? गूगल के संस्थापक की संपत्ति में भी 126 फीसदी का इजाफा हुआ है। बेजोस की संपत्ति में भी 67 फीसदी का इजाफा हुआ है। वैश्विक असमानता एक सच्चाई है, चाहे आप इसे स्वीकार करें या न करें। दुनिया में तीन बिलियन लोग एक दिन में पांच डॉलर से भी कम में अपना जीवन यापन करते हैं।'

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सदन में चर्चा के दौरान आरजेडी सांसद मनोज कुमार झा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने इसे अमृत काल का बजट बताया है। उन्होंने कहा कि जब मैं पिछले कुछ वर्षों में इस सरकार के कामकाज की शैली को देखता हूं तो यह स्पष्ट हो जाता है कि किसे अमृत मिल रहा है और किसे जहर मिल रहा है। अमृत सरकार के दोस्तों के लिए है और इसकी पर्याप्त आपूर्ति हो रही है, लेकिन अधिकांश लोगों को केवल जहर मिल रहा है।