अमरावती। महाराष्ट्र पुलिस ने अमरावती हिंसा मामले में सख्त एक्शन लिया है। पुलिस ने उपद्रवी भीड़ को बुलाने वाले बीजेपी नेता व पूर्व मंत्री अनिल बोंडे को गिरफ्तार कर लिया है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक अमरावती के चार थानों में 26 एफआईआर दर्ज की गई है और अबतक कुल 72 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। अमरावती पुलिस अन्य उपद्रवी बीजेपी व बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की तलाश कर रही है।

दरअसल, त्रिपुरा में हुए सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ महाराष्ट्र के अमरावती में अल्पसंख्यकों ने रैली का आयोजन किया था। इस दौरान त्रिपुरा सरकार और पुलिस की पक्षपाती कार्रवाई की निंदा की गई। इसके जवाब में अगले दिन बीजेपी ने अमरावती बंद का आह्वान किया था। शनिवार सुबह अमरावती की सड़कों पर बीजेपी और उससे जुड़े बजरंग दल जैसे संगठनों के हजारों कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए।

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इस दौरान इस दौरान अमरावती शहर में बड़े पैमाने में तोड़फोड़ और आगजनी की घटना हुईं। उपद्रवियों ने पुलिस और पत्रकारों पर भी पथराव किया। अनियंत्रित भीड़ ने राजकमल चौक इलाके तथा कुछ अन्य जगहों पर दुकानों को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा तब जाकर उपद्रवी भागे। इसके बाद पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की।

अमरावती पुलिस ने आयोजनकर्ता बीजेपी नेता अनिल बोंडे को भी गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि पुलिस इस दौरान मौजूद अन्य आरोपियों की भी शिनाख्त कर रही है और जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर किया जाएगा। शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने कहा है कि अमरावती में हिंसा महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार को अस्थिर करने के मकसद से हुई है। हिंसा के पीछे जो असल चेहरे हैं उन्हें राज्य गृह मंत्रालय की जांच के बाद बेनकाब किया जाएगा।

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इससे पहले शनिवार को अमरावती जिले की संरक्षक मंत्री यशोमती ठाकुर ने कहा था कि कुछ असामाजिक तत्व दुकानों पर पत्थर फेंककर माहौल खराब करने की साजिश कर रहे हैं। मामले पर बीजेपी विधायक अतुल भातखलकर ने कहा कि, 'क्या लोकतंत्र में विरोध का अधिकार नहीं है? उत्पात मचाने वालों को बचाया जा रहा है और हिंदुओं को दबाया जा रहा है। यहां राजनैतिक दुश्मनी के तहत चुन-चुन कर बीजेपी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है।'