PM मोदी के माइक पकड़ते ही लौटने लगे आदिवासी युवा, खाली कुर्सियों को संबोधित करते रहे प्रधानमंत्री
पीएम मोदी के कार्यक्रम में खाली दिखीं सैंकड़ों कुर्सियां, ढाई लाख आदिवासियों के आने का था दावा, कांग्रेस का व्यंग- 16 करोड़ खर्च कर भी भीड़ नहीं जुटा पाए, शिवराज जी अब तो कुर्सी गई

भोपाल। अमर शहीद बिरसा मुंडा की जयंती पर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बहुप्रचारित कार्यक्रम का समापन हो गया है। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को तब विकट परिस्थितियों का सामना करना पड़ा जब उनका भाषण शुरू होते ही आदिवासी महिलाओं और युवाओं का जत्था उठकर जाने लगा।
सोशल मीडिया पर पीएम मोदी के कार्यक्रम के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि मंच के समीप ही सैंकड़ों की संख्या में कुर्सियां खाली पड़ी हुई हैं और प्रधानमंत्री मोदी भाषण दे रहे हैं। कांग्रेस ने इस वीडियो को साझा कर सीएम शिवराज को आड़े हाथों लिया है। एमपी कांग्रेस ने व्यंग करते हुए लिखा है कि, 'नरेंद्र मोदी की सभा हुई महा फ्लॉप, —ख़ाली कुर्सियों को जुमले सुनाकर लौटे मोदी जी; शिवराज जी, ये क्या किया ! 16 करोड़ खर्च करके भी भीड़ नहीं जुटा पाये..? अब तो कुर्सी गई।'
नरेंद्र मोदी की सभा हुई महा फ्लॉप,
— MP Congress (@INCMP) November 15, 2021
—ख़ाली कुर्सियों को जुमले सुनाकर लौटे मोदी जी;
शिवराज जी,
ये क्या किया ! 16 करोड़ खर्च करके भी भीड़ नहीं जुटा पाये..? अब तो कुर्सी गई। pic.twitter.com/huBKMqOclQ
पीएम के कार्यक्रम से कई ऐसे वीडियो सामने आए हैं। एक वीडियो में देखा जा सकता है कि प्रधानमंत्री के भाषण शुरू होते ही आदिवासी युवाओं और महिलाओं का जत्था कुर्सी से उठकर जा रहा है। उधर पीएम मोदी यह दृश्य देखते हुए भी लोगों को संबोधित कर रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलुजा ने इसे ट्वीट कर कहा है कि भीड़ का दावा फ्लॉप हो गया।
भोपाल के जम्बूरी मैदान पर मोदी का भाषण शुरू होते ही महिलाओं व युवाओं के जत्थों ने छोड़ा सभा स्थल…..
— Narendra Saluja (@NarendraSaluja) November 15, 2021
कुर्सियाँ ख़ाली पड़ी रही…
लोग नही जुटे , भीड़ का दावा फ़्लॉप…? pic.twitter.com/Wu1mq0AfEk
दरअसल, आदिवासी सपूत बिरसा मुंडा की जयंती पर बीजेपी सरकार ने भोपाल के जम्हूरी मैदान में आदिवासी गौरव दिवस का आयोजन किया था। चूंकि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पीएम मोदी थे इसलिए महीनों से इसकी तैयारियां की जा रही थीं। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए राज्य सरकार खासकर सीएम शिवराज ने कोई कसर नहीं छोड़ा। राज्य सरकार ने इसके लिए करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाए। आरोप है कि आदिवासियों को भोपाल बुलाने के लिए सरकारी खर्चे पर हजारों बसें लगायी गयीं। लेकिन इतने प्रयासों के बावजूद कार्यक्रम उम्मीद के अनुरूप नहीं हो सका।