मुंबई। उद्धव सरकार में गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। देशमुख ने कहा है कि अगर परमबीर सिंह ने उनके ऊपर आरोप लगाए हैं तो उन आरोपों को साबित करें। अन्यथा वे परमबीर सिंह के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे।

अनिल देशमुख ने परमबीर सिंह के आरोपों को महा विकास आघाड़ी गठबंधन की सरकार की छवि को खराब करने की साजिश करार दिया है। देशमुख ने कहा है कि परमबीर सिंह के ये आरोप सरकार को बदनाम करने की एक साजिश भर है। देशमुख ने परमबीर सिंह के आरोपों को खारिज करते हुए पूर्व पुलिस कमिश्नर के आरोपों पर सवाल भी खड़े किए हैं। 

अनिल देशमुख ने परमबीर सिंह के आरोपों पर सवाल खड़ा करते हुए पूछा है कि आखिर पूर्व पुलिस कमिश्नर ने वाजे की गिरफ्तारी के इतने दिनों बाद चुप्पी क्यों साधी रखी? देशमुख ने कहा है कि आखिर परमबीर सिंह इतने दिन कुछ क्यों नहीं बोले? अनिल देशमुख ने कहा है कि परमबीर सिंह के आरोप एंटीलिया मामले और मनसुख हिरेन मौत मामले की जांच को भटकाने की एक साजिश के तहत लगाए गए हैं। 

इससे पहले अनिल देशमुख ने परमबीर सिंह के आरोपों को निराधार बताते हुए एक ट्वीट भी किया था। देशमुख ने कहा था कि सचिन वाजे मामले में परमबीर सिंह का नाम सीधे तौर पर सामने आ रहा है। इसलिए परमबीर सिंह ने इस मुद्दे से सबका ध्यान भटकाने और भय के कारण उनके ऊपर आरोप लागए हैं।

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परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक चिट्ठी लिखकर राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर संगीन आरोप लगाए हैं। परमबीर ने उद्धव को लिखी चिट्ठी में कहा है कि गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वाजे को प्रति महीने सौ करोड़ रुपए जुटाने की ज़िम्मेदारी दी थी। हालांकि मुख्यमंत्री कार्यालय का कहना है कि परमबीर सिंह की ओर से भेजी गई यह चिट्ठी उनके आधिकारिक मेल आईडी से नहीं आई है। और न ही उस चिट्ठी पर परमबीर सिंह के हस्ताक्षर हैं। 

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परमबीर सिंह को हाल ही में मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से हटाकर होम गार्ड में डीजी बनाया गया है। परमबीर सिंह के खिलाफ यह कार्रवाई एंटीलिया मामले में सचिन वाजे का नाम सामने आने के बाद की गई है। अब मुंबई पुलिस कमिश्नर द्वारा लगाए गए इन कथित आरोपों की वजह से अनिल देशमुख की मुश्किलें बढ़ गई हैं। विपक्ष लगातार अनिल देशमुख से इस्तीफे की मांग कर रहा है।