नई दिल्ली। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। लखीमपुर नरसंहार मामले की जांच कर रही एसआईटी ने अपनी चार्जशीट में यह खुलासा किया है कि किसानों की निर्मम हत्या के वक्त आशीष मिश्रा मौके पर ही मौजूद था। इस मामले में एसआईटी ने आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बनाया है। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एसआईटी ने पांच हजार पन्नों की एक चार्जशीट लखनऊ कोर्ट में दायर की है। जिसमें उसने बताया है कि लखीमपुर में किसानों को थार से कुचले जाने के वक्त खुद आशीष मिश्रा मौके पर मौजूद था। इसके साथ ही एसआईटी ने आशीष मिश्रा के एक अन्य रिश्तेदार वीरेंद्र शुक्ला पर सबूत छिपाने के आरोप लगाए हैं। 

लखीमपुर नरसंहार मामले में कुल तेरह आरोपियों को पुलिस की हिरासत में रखा गया है। आशीष मिश्रा इस मामले में मुख्य आरोपी है। पिछले महीने ही एसआईटी ने अपनी जांच में पाया था कि किसानों को एक सोची समझी साजिश के तहत गाड़ी से कुचला गया था। इसके बाद से ही गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी की मांग ज़ोर पकड़ने लगी थी। हालांकि केंद्र सरकार ने तमाम विरोध के बावजूद अजय मिश्रा को पद से नहीं हटाया। 

तीन अक्टूबर को लखीमपुर के तिकुनिया में किसानों को थार से रौंद दिया गया था। इस दौरान चार किसानों की मौत हो गई थी। इस पूरे मामले में मुख्य साजिशकर्ता के तौर पर अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा का नाम आया था। आरोप था कि जिस थार से किसानों को रौंदा गया, वह गाड़ी खुद आशीष मिश्रा चला रहा था। लखीमपुर नरसंहार के बाद प्रियंका गांधी और कांग्रेस पार्टी ने दोषियों को जल्द गिरफ्तार करने और अजय मिश्रा को पद से हटाने की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन किया था।