नई दिल्ली। देशभर में विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ बंद के बीच एक किसान की मौत हो गई है। दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर बैठे किसान भगेल राम ने दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि जालंधर के रहने वाले भगेल राम कड़ी धूप में कृषि कानूनों के खिलाफ धरने पर बैठे थे। दिल्ली पुलिस ने हार्ट अटैक को मौत की वजह बताया है। हालांकि, पोस्टमार्टम के बाद ही असली कारणों का पता चल पाएगा।

दरअसल, मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा ने देशभर में एकदिवसीय बंद का आह्वान किया था। भारत बंद में देश के 40 से ज्यादा किसान संगठनों ने हिस्सा लिया है। किसान संगठनों ने सोमवार सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक के लिए यह भारत बंद बुलाया है। इसके तहत सड़कों पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किए जा रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान ही सिंघु बॉर्डर पर किसान भगेल राम की मौत हो गई।

भगेल राम की मौत से किसानों में हड़कंप मच गया है। पुलिस ने उनकी शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। किसान नेताओं ने इस मौत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार बताया है। किसान नेताओं का आरोप है कि पीएम मोदी के अड़ियल रवैए के कारण एक-एक कर किसान असमय मौत के मुंह में जा रहे हैं। बीकेयू नेता राकेश टिकैत के मुताबिक अबतक 700 से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है।

किसानों के भारत बंद का देशभर में व्यापक असर देखने को मिल रहा है। हरियाणा, पंजाब, यूपी, एमपी, बिहार से लेकर दक्षिण के राज्यों में भी किसान सड़कों पर हैं। कांग्रेस, एनसीपी, टीएसमी, आरजेडी, टीडीपी, डीएमके, आम आदमी पार्टी, सीपीआई, सीपीएम समेत दर्जनों राजनीतिक दलों ने भी भारत बंद का समर्थन किया है। भारत बंद के कारण देशभर में ट्रेनों का परिचालन भी बाधित हुआ है वहीं सड़कों पर जाम की स्थिति है।