नई दिल्ली। भारत बायोटेक द्वारा तैयार की गई कोवैक्सीन को लेकर असमंजस के बीच एम्स डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने बड़ा बयान दिया है। रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन को फिलहाल बैकअप की तरह ही उपयोग में लाया जाएगा। शुरूआती दौर में ऑक्सफ़ोर्ड और एस्ट्रा जेनेका द्वारा विकसित की गई कोविशिल्ड ही मुख्य वैक्सीन की तरह काम करेगी। गुलेरिया ने कहा कि केवल रीइन्फेक्शन के मामले में ही कोवैक्सीन को उपयोग में लाया जाएगा।  

हालांकि गुलेरिया ने कोवैक्सीन की सुरक्षा को लेकर कहा कि वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है। गुलेरिया ने कहा कि एक वैक्सीन अध्ययन के कई चरणों से होकर गुजरती है ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि ये सुरक्षित है। कई स्तरों पर सुरक्षा को देखा जाता है इसलिए मुझे नहीं लगता कि हमें वैक्सीन की सुरक्षा को लेकर कोई चिंता करनी चाहिए।'  

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गुलेरिया ने आगे कहा, 'ये नया साल शुरू करने का अच्छा तरीका है। दोनों वैक्सीन भारत में बनी हैं और एक वैक्सीन मेक इन इंडिया है। पहले जहां हमें कई उत्पादों के लिए आयात पर निर्भर रहना पड़ता था, अब हमारे पास वैक्सीन हैं जो कि भारत में बन रही हैं।' 

हालांकि कोविशिल्ड ऑक्सफ़ोर्ड और एस्ट्रा जेनेका नामक कम्पनी द्वारा विकसित की गई है। हाँ, इसका प्रोडक्शन पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट में ज़रूर हुआ है। कोवैक्सीन पूरी तरह से भारत में विकसित की गई है। 

इसके साथ ही सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा कि दुनिया में केवल तीन टीके हैं जिन्होंने प्रभावकारिता साबित की है। फाइजर, मॉडर्न और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका-  केवल यही तीन टीके हैं जो असरदार सिद्ध हुए हैं। बाकी सब कुछ पानी की तरह सुरक्षित हैं। पूनावाला ने कहा, 'सरकार के साथ सभी औपचारिकताएं पूरी हो जाने के बाद वे सात से 10 दिनों में COVID-19 टीकों की शिपिंग शुरू कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वैक्सीन की 50 मिलियन यानी 5 करोड़ खुराक शुरू में उपलब्ध होंगी, और वे लगभग डेढ़ महीने में 70-80 मिलियन यानी 7 से 8 करोड़ वैक्सीन की खुराक उपलब्ध होने की उम्मीद है।'

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इससे पहले कांग्रेस नेता शशि थरूर, जयराम रमेश, दिग्विजय सिंह और आनंद शर्मा कोवैक्सीन को आपातकालीन मंज़ूरी दिए जाने को लेकर न सिर्फ सवाल उठा चुके हैं बल्कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से इस पर सफाई देने के लिए कह चुके हैं। शशि थरूर ने यह भी कहा है कि कोवैक्सीन के तीसरे फेज का ट्रायल अभी पूरा नहीं हुआ है, लिहाज़ा एस्ट्रेजेनेका द्वारा निर्मित कोविशील्ड को ही उपयोग में लाया जाना उचित होगा।