खतरे से खाली नहीं है कोवैक्सीन का उपयोग, कांग्रेस नेताओं ने हर्षवर्धन से मांगी सफाई
दोनों पूर्व केंद्रीय मंत्रियों ने कहा है कि जब भारत बायोटेक की वैक्सीन का तीसरे फेज का ट्रायल पूरा नहीं हुआ है तो ऐसी स्थिति में कोवैक्सीन के उपयोग को मंज़ूरी क्यों दे दी गई ?

भोपाल। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने आज भारत में दो वैक्सीन, कोवैक्सीन और कोविशील्ड को आपातकालीन स्थिति में उपयोग किए जाने की अनुमति दे दी है। लेकिन कांग्रेस नेताओं ने अब कोवैक्सीन के उपयोग को लेकर चिंता जताई है। कांग्रेस नेताओं ने कोवैक्सीन को मंज़ूरी दिए जाने को लेकर सवाल उठाया है कि जब कोवैक्सीन का तीसरा ट्रायल पूरा नहीं हुआ है, तो लोगों की ज़िंदगियों से खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है ? कांग्रेस नेताओं ने इस पूरे मसले पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन से सफाई मांगी है।
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I agree. Union Health Minister must clarify. https://t.co/TlrtNSnagI
— digvijaya singh (@digvijaya_28) January 3, 2021
कांग्रेस नेता शशि थरूर, जयराम रमेश, दिग्विजय सिंह और आनंद शर्मा ने कोवैक्सीन के उपयोग की मंज़ूरी को लेकर सवालिया निशान लगाया है। सबसे पहले जयराम रमेश ने कहा कि भारत बायोटेक की वैक्सीन के उपयोग को मंज़ूरी देने के लिए फेज थ्री के ट्रायल से जुड़े अंतर्राष्ट्रीय मानकों को संशोधित किया जा रहा है। जो कि बेहद ही आश्चर्यजनक है। कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भी जयराम रमेश से अपनी सहमति जताते हुए कहा है कि 'मैं सहमत हूँ,स्वास्थ्य मंत्री को सफाई देनी चाहिए।
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The Covaxin has not yet had Phase 3 trials. Approval was premature and could be dangerous. @drharshvardhan should please clarify. Its use should be avoided till full trials are over. India can start with the AstraZeneca vaccine in the meantime. https://t.co/H7Gis9UTQb
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) January 3, 2021
वहीं कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी कोवैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की मंज़ूरी को लेकर सवाल उठाते हुए कहा है कि कोवैक्सीन को जो अप्रूवल दिया गया है वो अपरिपक्व है। यह खतरनाक साबित हो सकता है। हर्षवर्धन को इसे लेकर स्पष्टीकरण देना चाहिए। इस समय भारत को एस्ट्रा जेनेका से शुरुआत करनी चाहिए। आनंद शर्मा ने भी कोवैक्सीन की मंज़ूरी को लेकर चिंता जताई है। आनंद शर्मा ने कहा कि वैक्सीन के उपयोग को अधिकृत करने का काम सावधानी से करने की ज़रूरत है, क्योंकि किसी भी देश में अनिवार्य 3 चरणों के परीक्षण और डेटा के सत्यापन के साथ कोई विवाद नहीं हुआ है।
कोविशील्ड वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्रा जेनेका ने मिलकर विकसित किया है। इस वैक्सीन के बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन भारत की कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कर रही है। जबकि 'कोवैक्सीन' के नाम से बनाया जा रहा कोरोना का टीका भारत में ही विकसित है और इसे भारत बायोटेक ने बनाया है।