नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल की बैठक में जीएसटी को लेकर कई बड़े फैसले लिए गए, जिनसे आम आदमी को दिवाली से पहले बड़ा तोहफा मिला है। साथ ही इन फैसलों को सभी राज्यों ने मिलकर सहमति दी। सरकार ने अहम कदम उठाते हुए जीएसटी में 5% और 18% के स्लैब रखे हैं, जिसका मतलब 12% और 28% के स्लैब को खत्म कर दिया है।

GST काउंसिल की 56वीं मीटिंग में इस पर फैसला लिया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 3 सितंबर को इसकी जानकारी दी। वित्त मंत्री सीतारमण ने बताया कि दूध, रोटी, पराठा, छेना समेत कई फूड आइटम GST फ्री होंगे। वहीं इंडिविजुअल हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर भी टैक्स नहीं लगेगा। 33 जीवन रक्षक दवाएं, दुर्लभ बीमारियों और गंभीर बीमारियों के लिए दवाएं भी टैक्स फ्री होंगी।

लग्जरी आइटम्स और तंबाकू प्रोडक्ट्स पर अब 28% की जगह 40% GST लगेगा। मध्यम और बड़ी कारें, 350cc से ज्यादा इंजन वाली मोटरसाइकिलें इस स्लैब में आएंगे। वित्त मंत्री ने बताया कि नए स्लैब नवरात्रि के पहले दिन यानी 22 सितंबर से लागू हो जाएंगे। हालांकि, तंबाकू वाले सामान पर नई 40% GST दर अभी लागू नहीं होगी।

काउंसिल के फैसले पर पीएम मोदी ने X पर लिखा, 'मुझे खुशी है कि जीएसटी काउंसिल ने केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसमें जीएसटी दरों में कटौती और कई सुधार शामिल हैं। इससे आम जनता, किसान, एमएसएमई, मध्यम वर्ग, महिलाएं और युवा सभी को फायदा होगा। ये बड़े बदलाव हमारे नागरिकों की जिंदगी बेहतर बनाएंगे और कारोबार करना आसान करेंगे। खासकर छोटे व्यापारियों और व्यवसायों को मदद मिलेगी।'

GST स्लैब में बदलाव का सबसे बड़ा फायदा जीवन बीमा और हेल्थ बीमा पर मिला है। इसे अब टैक्स फ्री कर दिया गया है। पहले इस पर 18 पर्सेंट जीएसटी लगता था। मान लीजिए अगर आपने 1000 रुपये का बीमा करवाया है, तो इस पर आपको 180 रुपये जीएसटी भरना होता था। लेकिन अब यह जीरो हो चुका है।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंश्‍योरेंस को लग्जरी नहीं माना जा सकता, बल्कि ये सोशल सिक्‍योरिटी का साधन है। लंबे समय से इस पर से जीएसटी हटाए जाने की भी मांग हो रही थी और रीस्‍ट्रक्‍चरिंग पर बहुत विरोध भी नहीं था। ऐसे में जीएसटी हटाकर सरकार ने इसे सस्ता और सुलभ बनाने की कोशिश की है। इससे आम लोगों की जेब पर बोझ घटेगा और ज्यादा लोग हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस लेने के लिए प्रोत्साहित होंगे।