देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो लगातार तीसरे दिन क्रू की भारी कमी से जूझ रही है। इसका सीधे असर देशभर के एयरपोर्ट्स पर पड़ा है जहां गुरुवार सुबह से उड़ानें बड़ी संख्या में रद्द हो रही हैं और हजारों यात्री घंटों तक फंसे हुए हैं। सिर्फ दिल्ली में अब तक 30 से ज्यादा उड़ानें रद्द की गईं हैं। जबकि, मुंबई में स्थिति और खराब रही जहां 85 फ्लाइट्स रद्द हुईं। हैदराबाद में लगभग 33 उड़ानों के रद्द होने की आशंका जताई गई है। जयपुर में 4 और इंदौर में 3 उड़ानें रद्द रहीं।

इंदौर एयरपोर्ट पर बुधवार को पहले ही 18 उड़ानें कैंसिल हो चुकी थीं जिससे यात्रियों की परेशानी और बढ़ गई। कई यात्रियों ने फ्लाइट के इंतजार में पूरी रात एयरपोर्ट पर गुजार दी। बुधवार को अकेले 200 से ज्यादा उड़ानें प्रभावित हुई थीं। हालात बिगड़ने के बाद इंडिगो ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए कहा कि 5 दिसंबर तक ऑपरेशन सामान्य हो जाएंगे। कंपनी रोजाना लगभग 2,300 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित करती है इसलिए किसी भी रुकावट का देशभर पर बड़ा असर पड़ रहा है।

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DGCA के नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियम इस पूरे संकट की प्रमुख वजह मानी जा रही है। पायलट और क्रू मेंबर्स की वर्किंग सीमाओं में बदलाव को दो चरणों में लागू किया गया है। पहला चरण 1 जुलाई से लागू हुआ और दूसरा चरण 1 नवंबर से प्रभावी हुआ। इसी दूसरे चरण की वजह से एयरलाइंस को अचानक क्रू की कमी का सामना करना पड़ा।

DGCA के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में इंडिगो की कुल 1,232 उड़ानें रद्द हुईं थी। इनमें से 755 उड़ानें सीधे FDTL नियमों के कारण रद्द करनी पड़ीं थी। नए प्रावधानों के तहत पायलट अब रोजाना अधिकतम 8 घंटे उड़ान भर सकते हैं। रात में लैंडिंग की सीमा 6 से घटाकर 2 कर दी गई है। जबकि, क्रू मेंबर्स के लिए हर 24 घंटे में 10 घंटे आराम अनिवार्य किया गया है। इससे शिफ्ट प्लानिंग और स्टाफ उपलब्धता पर बड़ा असर पड़ा है।

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एयरलाइन ने अपने बयान में कहा कि नई क्रू ड्यूटी लिमिट के साथ-साथ कई अन्य कारण भी जिम्मेदार हैं। सर्दियों के मौसम में शेड्यूल प्रभावित होता है। कई जगह हल्की तकनीकी दिक्कतें सामने आईं, मौसम खराब रहा और एविएशन नेटवर्क में स्लो डाउन की स्थिति बनी। इन सभी वजहों ने मिलकर ऑपरेशन को बाधित किया। एयरलाइन का कहना है कि इन चुनौतियों का पहले से अनुमान लगा पाना संभव नहीं था।

बढ़ते संकट के बाद DGCA ने इंडिगो से विस्तृत जवाब मांगा है। नियामक संस्था ने एयरलाइन से पूछा है कि इतने बड़े पैमाने पर उड़ानें क्यों रद्द हो रही हैं और कंपनी इन्हें कम करने के लिए क्या प्लानिंग कर रही है। DGCA का कहना है कि वह पूरे मामले की जांच कर रहा है और इस समय उड़ान रद्द होने व देरी कम करने के विकल्पों का आकलन चल रहा है। नियामक के अनुसार, क्रू की कमी सितंबर से ही चुनौती बनी हुई है। मंगलवार को अकेले 1,400 उड़ानें देरी से चलीं।

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