नई दिल्ली। बुल्ली बाई ऐप और सुल्ली डील्स केस में दोनों आरोपियों को कोर्ट ने जमानत दे दिया है। दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को बुल्ली बाई ऐप मामले के आरोपी नीरज बिश्नोई और सुल्ली डील्स ऐप के निर्माता ओंकारेश्वर ठाकुर को मानवीय आधार पर जमानत दे दी है। कोर्ट ने तर्क दिया है की आरोपी पहली बार के अपराधी हैं।

कोर्ट ने कहा कि लगातार जेल में रहना उनकी समग्र भलाई के लिए हानिकारक होगा। अदालत ने आरोपी व्यक्तियों पर सख्त शर्तें भी लगाईं ताकि वे किसी गवाह को धमका न सकें और किसी भी सबूत के साथ छेड़छाड़ न कर सकें। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शर्तों में यह शामिल है कि आरोपी व्यक्ति किसी भी पीड़ित से संपर्क करने, प्रभावित करने, प्रेरित करने का प्रयास नहीं करेगा।

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कोर्ट के आदेश में यह भी कहा गया है कि आरोपी शख्स सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेगा, जांच अधिकारी को अपना संपर्क विवरण प्रदान करेगा और अपना फोन चालू रखेगा और आईओ को अपना स्थान प्रदान करेगा। आरोपी देश छोड़कर नहीं जाएंगे और हर तारीख को अदालत के सामने पेश होंगे, जमानत पर रहते हुए एक समान अपराध नहीं करेंगे। 

बता दें कि दिल्ली पुलिस ने इस साल 6 जनवरी को असम से बुल्ली बाई ऐप को बनाने वाले नीरज बिश्नोई की गिरफ्तारी की पुष्टि की थी। इस ऐप पर सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों का गलत इस्तेमाल किया गया और यह 1 जनवरी को सार्वजनिक हो गई थी। बिश्नोई के खुलासे के बयान के आधार पर 9 जनवरी को इंदौर से ओंकारेश्वर ठाकुर को गिरफ्तार किया गया। ठाकुर जुलाई 2021 में बुल्ली बाई ऐप पर कई मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें 'डील ऑफ द डे' टेक्स्ट के साथ अपलोड करने का आरोपी है।