रांची। चंपई सोरेन झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री बन गए हैं। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने शुक्रवार दोपहर 12.20 बजे उन्हें शपथ दिलाई। चंपई के साथ कांग्रेस के आलमगीर आलम और राजद के सत्यानंद भोक्ता ने भी मंत्री पद की शपथ ली। बताया जा रहा है कि चंपई सरकार में दो डिप्टी सीएम हो सकते हैं। सरकार को 10 दिन में बहुमत साबित करना होगा।

हेमंत सोरेन के जमीन घोटाला में गिरफ्तारी के बाद चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुना गया था। राज्यपाल ने गुरुवार देर रात 11 बजे उन्हें सीएम पद की शपथ के लिए बुलाया था। इसके बाद सोमवार दोपहर उन्होंने साढ़े 12 बजे उन्होंने शपथ ली। शपथ ग्रहण के बाद जेएमएम-कांग्रेस के विधायक चार्टर्ड प्लेन से हैदराबाद के लिए रवाना हो गए हैं। दरअसल, महागठबंधन को आशंका है कि भाजपा सरकार गिराने के लिए खरीद फरोख्त कर सकती है। ऐसे में विधायकों को शिफ्ट कर दिया गया है।

इससे पहले शुक्रवार सुबह झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने गिरफ्तारी के खिलाफ सोरेन की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने उनसे कहा कि आपको पहले हाईकोर्ट जाना चाहिए था। कोर्ट ने कहा कि हम एक व्यक्ति को अनुमति देंगे तो सभी को देनी होगी। जांच एजेंसी ने सोरेन को 31 जनवरी की रात को गिरफ्तार किया था। PMLA कोर्ट ने हेमंत सोरेन को ED की पांच दिन की रिमांड में भेज दिया है। इससे पहले गुरुवार को रिमांड नहीं मिली थी।

कौन हैं चंपई सोरेन

चंपई सोरेन झारखंड विधानसभा के सदस्य हैं। वर्तमान में वह झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी से सरायकेला विधानसभा सीट से विधायक हैं। कैबिनेट मंत्री के रूप वह हेमंत सोरेन सरकार में परिवहन, अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। जब बिहार से अलग झारखंड राज्य की मांग उठ रही थी उस दौरान चंपई का नाम खूब चर्चा में रहा। शिबू सोरेन के साथ ही चंपई ने भी झारखंड के आंदोलन में भाग लिया। इसके बाद ही लोग उन्हें झारखंड टाइगर के नाम से बुलाने लगे।

चंपई संयुक्त बिहार में 1991 में उपचुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने थे। के.सी.मार्डी के इस्तीफा के बाद चंपई ने बतौर निर्दलीय चुनाव जीता था। वहीं 2005 में चंपई झारखंड विधानसभा के लिए चुने गए थे। इसके बाद 2009 में भी विधायक बने। उन्होंने सितंबर 2010 से जनवरी 2013 तक विज्ञान और प्रौद्योगिकी, श्रम और आवास मंत्री की जिम्मेदारी संभाली। वहीं जुलाई 2013 से दिसंबर 2014 तक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, परिवहन कैबिनेट मंत्री थे। 2014 में फिर झारखंड विधानसभा के लिए चुने गए। वहीं 2019 में भी विधायक बने। इसके साथ ही वह हेमंत सरकार में परिवहन, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री बन गए। 2019 में चंपई ने अपनी संपत्ति 2.55 करोड़ बताई थी।