नई दिल्ली। चीन सीमा पर जारी तनाव के बीच भारत ने कहा कि चीन का पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो के दक्षिणी तटीय इलाके में यथास्थिति बदलने का ताजा प्रयास उन बातों की पूरी अनदेखी है, जिन पर पहले दोनों देशों के बीच सहमति बनी थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि चीनी पक्ष ने उन बातों की अनदेखी की जिन पर पहले सहमति बनी थी और 29 अगस्त एवं 30 अगस्त देर रात को उकसावे वाली सैन्य कार्रवाई के जरिये दक्षिणी तटीय इलाकों में यथास्थिति को बदलने का प्रयास किया। इस बीच भारत ने इलाके में निगरानी बढ़ा दी है और कई सैन्य बटालियन एवं लड़ाकू विमानों की तैनाती कर दी है। 

इस मुद्दे पर मीडिया के सवाल के जवाब में श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘जैसा कि भारतीय सेना ने कल बताया, भारतीय पक्ष ने अपनी क्षेत्रीय अखंडता एवं अपने हितों की रक्षा के लिये वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की उकसावे वाली कार्रवाई का जवाब दिया और उचित रक्षात्मक कदम उठाए।’’

श्रीवास्तव ने कहा कि चीनी पक्ष ने 31 अगस्त को एक बार फिर उकसावे वाली कार्रवाई की जब स्थिति सामान्य करने के लिए कमांडर चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘समय पर की गई रक्षात्मक कार्रवाई के कारण भारतीय सैनिक एकतरफा ढंग से यथास्थिति बदलने के प्रयास को रोकने में सफल रहे।’’

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि साल की शुरुआत से ही वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी पक्ष का व्यवहार और कार्रवाई स्पष्ट रूप से द्विपक्षीय समझौतों एवं प्रोटोकॉल का ‘स्पष्ट उल्लंघन’ है जो दोनों देशों के बीच सीमा पर शांति स्थापना सुनिश्चित करने के लिए हुई थी।

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उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी कार्रवाई दोनो देशों के विदेश मंत्रियों और विशेष प्रतिनिधियों के बीच बनी सहमति की भी पूर्ण अनदेखी है।’’ श्रीवास्तव ने कहा कि हमने राजनयिक और सैन्य माध्यमों से चीनी पक्ष के समक्ष हाल के उकसावे वाली और आक्रामक कार्रवाई के विषय को उठाया है और उनसे अपील की है कि वे अपने अग्रिम पंक्ति के सैनिकों को ऐसी उकसावे वाली कार्रवाई के संबंध में अनुशासित एवं नियंत्रित रखें।