India China Face Off: PM Modi घिरे तो रक्षा मंत्रालय ने हटाए दस्तावेज

India China Dispute: रक्षा मंत्रालय ने मानी थी भारतीय क्षेत्र में चीनी सैनिकों की घुसपैठ की बात, प्रधानमंत्री ने कहा था कि कोई घुसपैठ नहीं हुई।

Updated: Aug 07, 2020, 05:06 AM IST

PHoto courtesy : Guwahati Plus
PHoto courtesy : Guwahati Plus

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में भारतीय इलाकों में चीन के सैनिकों की घुसपैठ को लेकर जारी किए गए दस्तावेज पर सवाल उठे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब घिरने लगे तो रक्षा मंत्रालय ने दस्तावेज से घुसपैठ के जिक्र वाले पन्ने को ही हटा दिया है। रक्षा मंत्रालय ने अभी तक यह साफ नहीं किया है कि आखिर पन्ने को क्यों हटाया गया और अब उसके इस कदम पर भी सवाल उठ रहे हैं।

रक्षा मंत्रालय ने अपने दस्तावेज में बताया था कि 17 और 18 मई को चीनी सैनिकों ने उत्तरी पैंगोग सो, कुगरांग नाला और गोगरा में घुसपैठ की। चीन के साथ तनाव के बीच यह पहली बार था जब सरकार ने चीनी घुसपैठ की बात स्वीकारी थी। रक्षा मंत्रालय के इस कदम पर सवाल उठाते हुए सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया, “जून 19 को प्रधानमंत्री ने स्पष्ट तौर पर देश को गुमराह किया। रक्षा मंत्रालय एक दस्तावेज जारी करता है और फिर यह रहस्यमी तरीके से गायब हो जाता है। प्रधानमंत्री और सरकार जो कुछ भी छिपाने का प्रयास कर रहे हैं वह काफी गंभीर है और सरकार को सच बताना चाहिए।”

दरअसल, 15 जून को गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 जून को राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा था कि ना तो कोई हमारी सीमा में घुसा है, ना घुसा हुआ है और ना ही किसी ने हमारी पोस्ट पर कब्जा किया है। रक्षा मंत्रालय के इस दस्तावेज ने प्रधानमंत्री के उस बयान को झूठा साबित कर दिया था। साथ ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के उस आरोप को सच साबित कर दिया था, जिसमें वे बार-बार कह रहे थे थे प्रधानमंत्री अपनी छवि बचाने के लिए चीन को लेकर बार-बार झूठ बोल रहे हैं।

रक्षा मंत्रालय ने दस्तावेज से जिस पन्ने को हटाया है उसमें यह भी लिखा था कि 5 और 6 मई के बाद सीमा पर चीनी सेना की आक्रामकता बढ़ गई है और उसके साथ जारी तनाव काफी लंबा खिंच सकता है, जिसके लिए जल्द से जल्द कदम उठाने की जरूरत है। इस दस्तावेज के जारी होते ही कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि झूठ बोलने से हमारे शहीद हुए 20 सैनिक वापस नहीं आ जाएंगे और ना ही झूठ बोलने से चीन की सेना वापस चली जाएगी। झूठ बोलने से केवल प्रधानमंत्री की छवि बची रहेगी।

उधर भारत चीन विवाद पर शुरुआत से विश्वसनीय रिपोर्टिंग कर रहे पत्रकार और सेना के पूर्व अधिकारी अजय शुक्ला ने ट्वीट करते हुए कहा कि यह दस्तावेज उन सभी जनरलों, पार्टी प्रवक्ताओं और गोदी मीडिया को लानत भेजता है, जिन्हें सरकार ने लगातार झूठ बोलने के लिए तैनात किया। उन्होंने कहा कि इस दस्तावेज से मुझे जरा भी हैरानी नहीं है क्योंकि मैं शुरुआत से यही बात कह रहा हूं।

भारत और चीन की सेना के बीच सीमा पर तनाव खत्म करने के लिए कोर कमांडर स्तर की बैठक चल रही हैं। हाल ही में इस क्रम की पांचवीं बैठक हुई है। दोनों देश के सैनिक गलवान घाटी से पीछे हट गए हैं। हालांकि, चीन पैंगोस सो फिंगर इलाकों से पीछे हटने के लिए राजी नहीं हो रहा है।