नई दिल्ली/चेन्नई। तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस और डीएमके के बीच समझौता हो गया है। चेन्नई में डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख केएस अलागिरी के बीच हुई बैठक में इस बारे में आपसी सहमति बन गई। डीएमके मुख्यालय में हुई इस बैठक में कांग्रेस को 25 सीटें दिए जाने का फैसला हुआ। इसके साथ ही कन्याकुमारी की लोकसभा सीट भी कांग्रेस के खाते में गई है। 

कांग्रेस-डीएमके के अलावा गठबंधन में शामिल VCK और CPI को डीएमके ने 6-6 सीटें दी हैं। वहीं MDMK की झोली में भी 6 सीटें गई हैं। हालांकि पार्टी के सभी उम्मीदवार डीएमके के चुनाव चिह्न पर ही चुनाव लड़ेंगे। 

सोनिया गांधी के कहने पर राज़ी हुई डीएमके 

पहले ऐसी खबरें आ रही थीं कि डीएमके कांग्रेस को 18 सीटें देने को ही तैयार है, जबकि कांग्रेस 34 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। काफी जद्दोजहद के बाद राहुल गांधी के तमिलनाडु दौरे पर मिले शानदार जन-समर्थन का  हवाला देकर प्रदेश कांग्रेस ने डीएमके के सामने 30 सीटें देने की मांग रखी। बाद में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने खुद डीएमके प्रमुख स्टालिन से बात की, जिसके बाद डीएमके कांग्रेस को 25 विधानसभा सीटें और कन्याकुमारी की लोकसभा सीट देने के लिए तैयार हो गई।

कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में ज़्यादा सीटें न देने के पीछे डीएमके पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के प्रदर्शन को आधार बना रही थी। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 41 सीटें मिली थी, लेकिन केवल आठ सीटों पर ही कांग्रेस के उम्मीदवार चुनाव जीत पाए थे। हालांकि डीएमके का प्रदर्शन भी बहुत उम्दा नहीं था। डीएमके को 189 में से 78 सीटों पर विजय मिली थी। 

कांग्रेस के खाते में कन्याकुमारी लोकसभा सीट भी गई है, जहां पर उपचुनाव होना है। इस सीट से कांग्रेस नेता  वसंतकुमार ही सांसद थे। पिछले वर्ष कोरोना के चलते उनकी मौत हो गई थी। तमिलनाडु में विधानसभा की 234 सीटों पर चुनाव होने हैं। सभी सीटों पर 6 अप्रैल को मतदान होगा। चुनावों में अब एक महीने से भी कम वक्त रह गया है। ऐसे में कांग्रेस डीएमके गठबंधन जल्द ही अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित कर सकता है।