नई दिल्ली। सीपीआई नेता और जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के साथ हो रहे बर्ताव को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला है। सीपीआई नेता ने मोदी सरकार को चेतावनी देने वाले अंदाज़ में कहा कि किसानों कोई बेज़ुबान सरकारी संस्थान नहीं हैं जिसके सरकार के आका अपने दोस्तों के हाथों बेच देंगे।



छात्र राजनीति के दौरान ही अपने ज़ोरदार भाषणों से चर्चा में आए कन्हैया कुमार ने ट्विटर पर लिखा है, 'किसान कौन सा आपसे पंद्रह लाख माँग रहे या यह भी नहीं कह रहे कि उनके लिए साढ़े आठ हजार करोड़ का हवाई जहाज़ ख़रीद दो। बस इतना कह रहे कि बिल में एक लाइन लिख दो कि एमएसपी से कम पर फसलों की ख़रीद ग़ैरकानूनी होगी।'





 



कन्हैया कुमार ने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'सुनो साहेब!! ये किसान हैं, बेज़ुबान सरकारी संस्थान नहीं कि अपने दोस्तों के हाथ औने-पौने दाम में बेच दोगे।'





 



काश किसान मशरूम के साथ शर्म भी उगा पाते



अपने भाषण के अलग अंदाज के लिए खास पहचान बना चुके कन्हैया कुमार ने केंद्र सरकार पर अपने पुराने अंदाज में चुटकी भी ली। कन्हैया ने लिखा कि काश किसान अपने खेतों में मशरूम के साथ शर्म भी उगा पाते। सब्ज़ी के साथ धनिया फ़्री वाली स्कीम में साहेब और उनके राग-दरबारियों को दे पाते।





बता दें कि कन्हैया कुमार केंद्र के विवादास्पद कृषि कानूनों को लेकर मोदी सरकार पर लगातार हमलावर रहे हैं। उन्होंने कल ही सरकार को आड़े हाथों लेते हुए ट्वीट किया था कि  'सुनिए सरकार, ये किसान हैं। भड़के हुए बैलों को क़ाबू करने का हुनर इनको आता है। भला इनको कौन भड़काएगा। आपने इनकी बर्बादी के क़ानून लिखे हैं। देखना, ये आपको भी क़ाबू में करके ही दम लेगें।'



 





 



गौरतलब है की केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ छः राज्यों के हजारों किसान सड़कों पर हैं। इस दौरान कई जगहों पर किसानों के साथ प्रशासन द्वारा बलप्रयोग की तस्वीरें भी आई जिसने देशवासियों में आक्रोश पैदा कर दिया। ये किसान दिल्ली के जंतर-मंतर पर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने पर अड़े हुए हैं। हालांकि कई दिनों तक राजधानी दिल्ली में घुसने से रोकने का प्रयास करने के बाद अब उन्हें बुराड़ी के निरंकारी मैदान में जाने की अनुमति दी गई है। किसान चाहते हैं की वे जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करें।