नई दिल्ली। देश के प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान दैनिक भास्कर ग्रुप के कई ठिकानों पर छापेमारी के बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने दावा किया है कि इस मीडिया कंपनी ने पिछले 6 वर्षों में 700 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी की है। आयकर विभाग ने यह भी आरोप लगाया है कि भास्कर ने स्टॉक मार्केट के नियमों का उल्लंघन करते हुए कई फर्जी कंपनियां बनाई। 

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने शनिवार को बयान जारी कर आरोप लगाया है कि वे अपने कर्मचारियों के नाम पर कई कंपनियां चला रहे थे। इन कंपनियों का डायरेक्टर भास्कर ने अपने कर्मचारियों को बनाया था। इसका इस्तेमाल फर्जी खर्चों की बुकिंग और पैसों को इधर से उधर करने में हो रहा था। विभाग का दावा है कि कई कर्मचारी जिन्हें शेयर होल्डर और डायरेक्टर बनाया गया था उन्होंने छापेमारी के दौरान बताया कि उनके नाम से चलाई जा रही कंपनियों के बारे में उन्हें कोई आईडिया नहीं था। 

विभाग के मुताबिक इन कर्मचारियों ने भरोसा कर कंपनी को अपना आधार कार्ड और डिजिटल सिग्नेचर दे दिया था। यह भी आरोप लगा है कि भास्कर ग्रुप के मालिकों ने अपने रिश्तेदारों के नाम पर भी कंपनियां बना ली थी, लेकिन उन्हें भी कंपनी की गतिविधियों के बारे में कोई जानकारी नहीं था। हालांकि, उन्होंने कागजातों पर अपनी स्वेच्छा से हस्ताक्षर किए थे।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कंपनी के प्रोमोटर्स और सीनियर कर्मचारियों के घरों पर 26 लॉकरों का भी पता लगा लिया है। CBDT अधिकारियों ने कहा है कि ग्रुप की दिलचस्पी मीडिया के अलावा रियल एस्टेट, पावर सेक्टर और टेक्सटाइल इंडस्ट्री में रही है। छापेमारी के दौरान मिली अन्य सामग्रियों की पड़ताल की जा रही है, जांच के बाद टैक्स चोरी की रकम बढ़ भी सकती है।

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दरअसल, आयकर विभाग ने 22 जुलाई को दैनिक भास्कर के कई दफ्तरों में एकसाथ छापेमारी की थी। डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने मुंबई, दिल्ली, नोएडा, भोपाल, इंदौर, अहमदाबाद समेत 9 शहरों के 20 रेजीडेंशियल और 9 कॉमर्शियल कैंपसों में दबिश दी थी। बता दें कि कोरोना काल में भास्कर ने तथ्यपरक पत्रकारिता के लिए देशभर में पहचान बनाई है। मीडिया संस्थान ने अपने मुख्यपृष्ठों पर केंद्र की मोदी सरकार से लेकर एमपी के शिवराज सरकार को एक्सपोज करने वाली खबरें छापकर उनके झूठ को उजागर किया। ऐसे में माना जा रहा है कि बदले की भावना से भास्कर के खिलाफ केंद्र सरकार ने कार्रवाई की है।