नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में साफ हवा के लिए संसद भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे दो बच्चों लिसीप्रिया कंगुजम और आरव सेठ को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया। 9 साल की कंगुजम के मुताबिक पुलिस ने उन्हें इस जगह पर कभी भी विरोध प्रदर्शन ना करने की धमकी देते हुए कहा कि अगर वे ऐसा दोबारा करती हैं तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर लेगी। हालांकि, कंगुजम ने कहा कि इस धमकी के बाद भी वे विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगी क्योंकि साफ हवा में जीना सबका अधिकार है और ये वक्त खामोश बैठने का नहीं है। साथ ही साथ उन्होंने यह भी पूछा कि 9 साल की बच्ची को किस कानून के तहत गिरफ्तार किया जा सकता है। 





इस पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य सभा सांसद दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा कि लिसिप्रिया कंगुजम हमारी अपनी ग्रेटा टुनबर्ग हैं। पर्यावरण को लेकर संवेदनशील स्कूल जाने वाले दो बच्चों के खिलाफ दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई की मैं कड़ी निंदा करता हूं। दिल्ली पुलिस को तो उनकी तारीफ करनी चाहिए थी। 





कंगुजम के ट्वविटर अकाउंट के मुताबिक पुलिस ने उन्हें करीब 40 मिनट तक हिरासत में रखा। यह ट्विवटर अकाउंट कंगुजम के माता पिता चलाते हैं। पुलिस ने दूसरे प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेने के लिए सीआईएसफ को भी बुला लिया। कंगुजम के दूसरे साथी आरव सेठ की उम्र 12 वर्ष है।दोनों स्वीडेन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा टुनबर्ग से प्रभावित हैं, जो 17 वर्ष की हैं। 



कंगुजम के ट्विटर अकाउंट से बताया गया कि हिरासत में लेने के बाद पुलिस उन्हें किसी अज्ञात जगह पर ले गई और बाद में जंतर मंतर पर उन्हें छोड़ दिया गया। हालांकि, पहले पुलिस ने उन्हें संसद मार्ग थाना ले जाने की योजना बनाई थी। कंगुजम ने कहा कि यह हिरासत पूरी तरह से गैरकानूनी है और वे प्रदर्शन करना जारी रखेंगी। उन्होंने कहा कि अगर वे समस्यायों को नेताओं के सामने नहीं रखेंगी तो कहां रखेंगी। 



दूसरी तरफ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है। पिछले 15 अक्टूबर को वायु गुणवत्ता का स्तर आठ महीनों के सबसे खराब स्तर को पार कर गया। इसका प्रमुख कारण दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में फसलों के अवशेष को जलाना बताया जा रहा है। पिछले 24 घंटो में दिल्ली का वायु गुणवत्ता इंडेक्स 312 रहा, इस साल फरवरी में यह 320 था। 



वायु गुणवत्ता को लेकर पिछले नवंबर में सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार की फटकार लगा चुका है। कोर्ट ने कहा था दिल्ली एनसीआर समेत पूरा उत्तर भारत वायु प्रदूषण से जूझ रहा है। क्या लोगों को इस तरह मरने के लिए छोड़ दिया जाएगा।