नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की हवा में दिवाली के पहले ही जहर घुलना शुरू हो गया है। दिवाली से पूर्व राजधानी में एयर क्वालिटी इंडेक्स "बेहद खराब" श्रेणी में पहुंच गया है। पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं पर रोक नहीं लगने से पहले ही इस बात की आशंका जाहिर की जा रही थी कि आनेवाले दिनों में दिल्ली गैस चैंबर में बदल सकती है।

शनिवार सुबह तक दिल्ली की वायु गुणवत्ता काफी बिगड़ गई और एक्यूआई (वायु गुणवत्ता सूचकांक) 262 पर ‘खराब’ श्रेणी में पहुंच गया। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के अनुसार दिल्ली में सबसे खराब एक्यूआई विश्वविद्यालय इलाके में 327 में दर्ज किया गया जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है।

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बता दें कि हर साल दिल्ली में अक्टूबर से वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगता है। पराली जलाना, स्मॉग, दिवाली में आतिशबाजी व अन्य कई कारणों से प्रदूषण साल के अंत तक कायम रहता है। इससे पहले कल यानी शुक्रवार को भी दिल्ली का एक्यूआई खराब श्रेणी में रहा था। 

राजधानी में  में प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार ने 28 अक्टूबर से ‘रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ’ अभियान शुरू करने की घोषणा की है। दिल्ली में वाहनों के प्रदूषण को कम करने के लिए पहली बार 16 अक्टूबर, 2020 को शुरू किए गए इस अभियान के तहत ड्राइवरों को ट्रैफिक लाइट के हरे होने का इंतजार करते समय अपने वाहनों को बंद करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। पेट्रोलियम कंजर्वेशन रिसर्च एसोसिएशन (पीसीआरए) के आंकड़ों से पता चलता है कि अगर लोग ट्रैफिक सिग्नल पर इंजन बंद कर देते हैं, तो प्रदूषण में 13-20% की कटौती की जा सकती है।