कोरोना से निपटने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन को एक माह होने जा रहा है। इस दौरान कई प्रवासी मजदूर विभिन्‍न स्‍थानों पर फंस गए है। उनके संसाधन खत्‍म हो रहे हैं। उनके पास खाने को पैसे भी नहीं है। इन प्रवासी मजदूरों की चिंता करते हुए कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। सिंह ने लिखा है कि कोरोना महामारी के संक्रमण को रोकने के लिये किये गये 21 दिन के लॉकडाउन को केन्द्र सरकार द्वारा 3 मई तक बढ़ाया गया है। मुझे विश्वास है कि केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों के प्रयास तथा आम जनता के सहयोग से देश जल्दी ही इस भयंकर महामारी पर विजय प्राप्त कर लेगा। देशभर के अनेक स्थानों से खबरें आ रही हैं कि वहां फॅंसे हुए प्रवासी मजदूर और अन्य लोग काफी परेशान हैं। मुंबई और सूरत से आने वाली खबरों से समस्या की भयावहता का अनुमान लगाया जा सकता है। ये लोग रहने और खाने-पीने की समुचित व्यवस्था नहीं होने या गंभीर पारिवारिक परेशानियों के कारण स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और अपने घर जाना चाहते हैं।

क्लिक : इस अंधेरे वक्त में ....

सिंह ने लिखा है कि मीडिया खबरों के माध्यम से पता चला है कि राज्यसभा सांसद जी.बी.एल. नरसिंहाराव की पहल पर काशी में फॅंसे तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र और ओडिशा के 1 हजार तीर्थ यात्रियों को 13 अप्रैल 2020 को केन्द्र सरकार की अनुमति पर उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा उनके राज्यों में भेजा गया है। मेरा आपसे अनुरोध है कि प्रवासी मजदूर और गरीबों को भी स्क्रीनिंग करके सेनेटाइज्ड बसों द्वारा और अन्य साधनों से पुलिस सुरक्षा के बीच उनके निवास स्थान तक भेजा जाए। साथ ही उनके लिये एक प्रोटोकॉल तय किया जा सकता है ताकि जो लोग स्वस्थ हों और जिनमें कोरोना के कोई लक्षण विद्यमान न हो, वो अपने स्थान पर पहुँच सकें। ऐसे मजदूरों को ले जाने के लिये विशेष ट्रेन भी चलाई जा सकती है।

क्लिक :  आर्थिक तंगी दो ने की आत्‍महत्‍या, कांग्रेस ने मांगा आर्थिक पैकेज

अपने स्थान पर पहुंचकर मजदूरों को जिला प्रशासन या स्थानीय प्रशासन द्वारा इनके घरों में या इनके गांव के सार्वजनिक भवनों जैसे स्कूल, पंचायत भवन या अन्य उपलब्ध स्थानों पर 14 दिन के लिये क्वारैंटाइन किया जा सकता है ताकि संक्रमण भी न फैले और इन मजदूरों को बीमारी, भूख या हताशा से मरने से भी बचाया जा सके। इन्हें लाने पर होने वाले व्यय को या तो केन्द्र सरकार वहन करे या वे राज्य सरकारें वहन करें जहां के ये मजदूर मूल निवासी हैं। इसके लिये केन्द्र और राज्य आधा-आधा खर्च भी वहन कर सकते हैं।

सिंह ने पत्र की प्रतिलिपि मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी भेजी है।