नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कोरोना से बचाव के लिए दो वैक्सीन्स को दिए गए इमरजेंसी अप्रूवल पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि भारत सरकार की तरफ से कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन (Covaxin) को सीमित इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दिया जाना खुशी की बात है। लेकिन सरकार बताए कि इसका मतलब क्या है? उन्होंने ये पेशकश भी की है कि अगर सरकार इस बारे में स्थिति साफ कर दे तो वो खुद वॉलंटियर बनने को भी तैयार हैं। 



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दिग्विजय सिंह ने इस बारे में ट्विटर पर लिखा है, "मुझे खुशी है कि भारत सरकार ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन को सीमित आपातकालीन इस्तेमाल के लिए हरी झंडी दे दी है। अगर सरकार यह स्पष्ट कर सके कि इसका मतलब क्या है, तो मैं आभारी रहूंगा। क्या मुझे इसे लेने के लिए वॉलंटियर करना चाहिए? अब तक मेरे लिए कोई इमरजेंसी वाली स्थिति नहीं है, फिर भी वॉलंटियर करके मुझे बेहद खुशी होगी।" 



 





 



दिग्विजय सिंह अपने खास अंदाज़ में सवाल उठाते हुए शायद इस ओर इशारा कर रहे हैं कि अगर दोनों वैक्सीन्स को सीमित इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंज़ूरी दी गई है, तो फिर इसे देश भर में टीकाकरण अभियान चलाकर करोड़ों लोगों को लगाने का फैसला किस आधार पर किया गया है? सवाल यह भी है कि जब इन टीकों का ट्रायल पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है और फाइनल अप्रूवल होना भी बाकी है, तो सरकार इसे कोरोना पर जीत हासिल करने वाली उपलब्धि के तौर पर ज़ोर-शोर से प्रचारित क्यों कर रही है?   



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यह पहली बार नहीं है जब दिग्विजय सिंह ने वैक्सीन को आपातकालीन मंज़ूरी दिए जाने पर सरकार से सफाई मांगी है। कुछ समय पहले दिग्विजय सिंह, जयराम रमेश और शशि थरूर समेत कई दिग्गज नेताओं ने पूछा था कि जब Covaxin के तीसरे फेज का ट्रायल पूरा ही नहीं हुआ है, तो उसके इमरजेंसी इस्तेमाल की किस आधार पर दी गई है ? कांग्रेस नेताओं के अलावा वैक्सीन एक्सपर्ट प्रोफेसर गगनदीप कांग समेत कई वैज्ञानिक भी वैक्सीन को मंजूरी दिए जाने की प्रक्रिया पर कई गंभीर सवाल उठा चुकी हैं।