नई दिल्ली। महिला आरक्षण बिल को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर एक बार फिर हमला बोला है। दिल्ली स्थित AICC मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि महिला आरक्षण आज लागू किया जा सकता है लेकिन सरकार यह करना नहीं चाहती है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार जातीय जनगणना से ध्यान हटाना चाहती है।



राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि पीएम मोदी को अपने अगले भाषण में देश की जनता को बताना चाहिए कि देश के सबसे जरूरी 90 अफसरों में सिर्फ 3 अफसर ही ओबीसी समुदाय के क्यों हैं? उन्होंने बताया कि यह आंकड़ा देखने के बाद मैं शॉक्ड था। ऐसा कैसे हो सकता है? मुझे ये पता लगाना है कि हिन्दुस्तान में OBC कितने हैं और जितने हैं उतनी भागीदारी उन्हें मिलनी चाहिए। लगभग 50 फीसदी आबादी वाले ओबीसी समुदाय को शासन में भागीदारी 5 फीसदी है। ओबीसी वर्ग की ये स्थिति है। अभी तो मैंने दलित या फिर आदिवासियों की बात ही नहीं की है। 





राहुल गांधी ने कहा कि महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) बढ़िया है लेकिन हमें दो फुटनोट मिले कि जनगणना और परिसीमन उससे पहले करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जनगणना और परिसीमन कराने में कई साल लग जाएंगे। राहुल गांधी ने कहा कि सच तो यह है कि आरक्षण आज ही लागू हो सकता है। ये कोई जटिल मामला नहीं है, लेकिन सरकार ऐसा नहीं करना चाहती है। सरकार ने इसे देश के सामने पेश किया है लेकिन इसे अब से 10 साल बाद लागू किया जाएगा। कोई नहीं जानता कि यह लागू भी होगा या नहीं। यह एक ध्यान भटकाने वाली रणनीति है। सरकार जातीय जनगणना से ध्यान भटकाना चाहती है।





प्रेस वार्ता के दौरान राहुल गांधी से सवाल किया गया कि क्या उन्हें इस बात का रिग्रेट है कि 2010 में UPA की सरकार द्वारा लाए गए विधेयक के तहत OBC कोटा प्रदान नहीं किया गया था। इस पर राहुल गांधी ने कहा, '100% रिग्रेट है। यह उस समय किया जाना चाहिए था और अब हम इसे पूरा करके छोड़ेंगे।' कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि भाजपा को जनगणना और परिसीमन को हटाकर महिलाओं को भागीदारी देनी चाहिए। जनगणना का लेकर हमने जो डाटा निकाला था उसे सार्वजनिक कर दें जिससे सभी को पता चल जाए कि OBC कितने हैं और नई जनगणना जाति के आधार पर करें।