नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र के पहले दिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने दावा किया कि लॉकडाउन की वजह से करीब 14 से 29 लाख कोरोना मामलों और 37 हजार से 78 हजार मौतों को रोकने में सफलता मिली। 

उन्होंने कहा, "सरकार द्वारा लिया गया राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का फैसला बताता है कि पूरे भारत ने कोरोना वायरस के खिलाफ संयुक्त लड़ाई लड़ी। यह अनुमान लगाया गया है कि लॉकडाउन से 14 से 29 लाख मामलों और 37 हजार से 78 हजार मौतों को रोकने में मदद मिली।"

उन्होंने यह भी बताया कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत सरकार इतना कामयाब हुई है कि भारत में कोरोना मृत्यु दर मात्र 1.6 फीसदी है, जो भारत जितने ही प्रभावित देशों के मुकाबले बहुत कम है। उन्होंने बताया कि प्रति दस लाख की आबादी पर भारत में कोरोना के 3,328 मामले आ रहे हैं, वहीं इतनी ही आबादी पर देश में 55 लोगों की मौत हो रही है।

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डॉक्टर हर्षवर्धन ने यह भी बताया कि भारत में संक्रमण डर बहुत कम है और साथ ही 77 प्रतिशत रोगी ठीक हो गए हैं। 

हालांकि, अगर तथ्यों की बात करें तो देश में रोज 90 हजार से अधिक रिकॉर्ड मामले सामने आ रहे हैं। एक दिन में 90 हजार से अधिक मामले अभी तक किसी देश में सामने नहीं आए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत कोरोना वायरस संक्रमण का नया एपिसेंटर बन गया है। 

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देश में अब तक कोरोना वायरस के 48 लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। यह दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है। वहीं मरने वालों की संख्या भी 80 हजार के पास पहुंच गई है। कोरोना वायरस संकट देश के ग्रामीण इलाकों में विकराल होता जा रहा है। इन इलाकों में देश की 65 प्रतिशत जनसंख्या रहती है, साथ ही स्वास्थ्य सेवाएं भी बदहाल हैं।