लॉकडाउन होने की वजह से लोग खाद्य भंडारण कम होने की और सरकारी गोदाम में अनाज खराब होने की भी आशंका जता रहे हैं। ऐसे में फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया की मौजूदा स्थिति पर रामविलास पासवान ने ऐसी आशंकाओं का खंडन किया है।



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पासवान ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा कि "20 अप्रैल के आंकड़ों के मुताबिक देश में 524.5 लाख मीट्रिक टन अनाज है- जिसमें 289.5 लाख मीट्रिक टन चावल और 235 लाख मीट्रिक टन गेंहू है। वहीं रबी के फसलों की खरीद भी 15 अप्रैल को शुरू हो गई थी, जिसके बाद भंडार में और अधिक बढ़ोतरी होगी।"



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पासवान ने कहा कि एक माह में हमें 60 लाख मीट्रिक टन अनाज की जरूरत होती है। अगर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अनाज योजना को भी ध्यान में रखें तो 180 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त अनाज की जरूरत होगी। ऐसे में हमारे पास पर्याप्त अनाज का भंडार है। भंडार में कोई कमी नहीं है।  उन्होंने अनाज को लोगों तक पहुंचाने की व्यवस्था पर कहा कि "अनाज को पहुंचाने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। एफसीआई के सभी कर्मचारी और कामगार बहुत अच्छा का कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने भी इनकी सराहना की है। केवल 27 दिनों में 44।58 लाख मीट्रिक टन अनाज यातायात के जरिए देश के विभिन्न हिस्सा तक पहुंचाया गया है। ये बड़ी उपलब्धि है।"



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प्रवासी मजदूरों को अनाज मिलने में हो रहे देरी या उपलब्ध नहीं होने के सवाल पर "पासवान ने कहा कि हम स्थिति का जायजा ले रहे हैं। मैं राज्यों से सीधे संपर्क में हूं।"



गौरतलब है कि राशन न मिलने परेशान बेरोजगार मजदूर और छोटे काम करने वाले लोगों का जीवनयापन दूभर हो गया है। भोपाल में गुजरे सप्तााह दो लोगों ने अपनी इसी तंगी से परेशान हो कर जान दे दी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भंडारों में अनाज खराब होने का मुद्दा उठाते हुए मांग की थी कि अनाज सड़ाने से बेहतर है सरकार गरीबों का पेट भरें।