लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधासभा के गेट नंबर तीन के सामने बाराबंकी से आए एक परिवार ने सोमवार को आत्मदाह करने की कोशिश की। हालांकि मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने परिवार को आत्मदाह करने से रोक कर हिरासत में लिया। परिवार का कहना है कि उन्होंने संपत्ति विवाद में स्थानीय पुलिस द्बारा कोई कार्रवाई न किए जाने से मजबूर होकर ये कदम उठाया है। परिवार बाराबंकी के पुलिस-प्रशासन पर पार्षद के भाई के विरुद्ध कोई कार्रवाई न करने का आरोप लगा रहा है। 

उत्तर प्रदेश में दिनों दिन प्रशासन पर अपराधियों के समर्थन में और पीड़ितों के प्रति उदासीन रवैया अपनाने का आरोप लग रहा है। हाथरस रेप कांड, बाराबंकी रेप कांड तथा बलिया गोलीकांड में भी प्रशासन पर पीड़ितों की कोई सुनवाई न करने के आरोप लग चुके हैं। राज्य में चरमराई क़ानून व्यवस्था की बानगी लखनऊ में आज विधानसभा के गेट नंबर तीन के सामने देखने को मिली जब प्रशासन के उदासीन रवैये से तंग आ कर बाराबंकी का एक गरीब परिवार आत्मदाह करने पहुँच गया।  

बाराबंकी के नवाबगंज से मोहम्मद नसीर अपने बेटे मोहम्मद सलीम, मोहम्मद अजीज और अपनी पत्नी के साथ आत्मदाह करने पहुंचे थे। पुलिस ने परिवार से जब आत्मदाह करने का कारण पूछा तो परिवार ने बताया कि बाराबंकी के नवाबगंज में उनकी फर्नीचर की दुकान है। स्थानीय पार्षद शालू मौर्य का भाई प्रदीप मौर्य परिवार की दुकान पर जबरन कब्ज़ा करना चाहता है और काफी दिनों से दुकान खाली करने का दबाव बना रहा है।  

परिवार के मुताबिक उन्होंने स्थानीय थाने में कई दफा इसकी शिकायत भी की। लेकिन उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। लिहाज़ा प्रशासन के उदासीन रवैए से हताश होकर और पार्षद के दबंग भाई से परेशान होकर पूरा परिवार लखनऊ विधानसभा के सामने आत्मदाह करने पहुंच गया। हाल ही में विधानसभा के सामने एक महिला ने भी आत्मदाह कर लिया था, जिसकी बाद में मौत भी हो गई। उस महिला ने भी आरोप लगाया था कि पति और ससुराल वालों के उत्पीड़न की शिकायत करने पर पुलिस उसकी कोई मदद नहीं कर रही है।