नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसान दिल्ली में बाहरी इलाकों में ट्रैक्टर परेड निकालने वाले हैं। 25 जनवरी यानी कल किसान ट्रैक्टरों पर सवार होकर सवार होकर दिल्ली की ओर कूच करेंगे। लेकिन इससे पहले यूपी सरकार पर किसानों की इस परेड को बेअसर करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाने का आरोप लग रहा है। आरोप है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई इलाकों किसानों के ट्रैक्टरों में डीजल नहीं भरा जा रहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पश्चिमी यूपी के कई जिलों में पेट्रोल पंप पर किसानों को ट्रैक्टरों में डीजल भरने नहीं दिया जा रहा है। ताकि दिल्ली से सटे भाजपा शासित उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों से किसान ट्रैक्टर परेड में शामिल नहीं हो पाएं। रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐसे आदेश बाकायदा प्रशासनिक स्तर पर जारी किए जाने का आरोप लग रहा है। 

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हिंदी के एक प्रमुख अख़बार ने मेरठ के ज़िला पूर्ति अधिकारी नीरज सिंह के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया है कि कथित सुरक्षा के मद्देनजर शासन की ओर से आदेश जारी किए गए हैं। नीरज सिंह ने कहा है कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसानों के प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए विशेष एहतियात बरतने का निर्देश दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक ट्रैक्टरों के अलावा बोतल, ड्रम या कृषि यंत्र लगे किसी भी वाहन में डीजल भरने की अनुमति नहीं दी गई है। हालांकि मेरठ के पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष ने इन दावों को खारिज किया है। राकेश जैन का कहना है कि इस तरह का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। 

दूसरी तरफ किसान नेता नरेश टिकैत ने भी यह दावा किया है कि किसानों को पेट्रोल पंप पर डीजल नहीं भरने दिया जा रहा है। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत का कहना है कि उन्हें यूपी के मुरादाबाद, गाज़ीपुर सहित अन्य जगहों से किसानों के फोन आए हैं। किसानों का कहना है कि उन्हें पेट्रोल पंप पर डीजल ही नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में नरेश टिकैत ने किसानों से अपील की है कि वे जहां भी हैं, वहीं सड़कों को जाम करके बैठ जाएं। जाहिर है, अगर किसान ऐसा करते हैं तो ट्रैक्टर में डीज़ल नहीं भरने की कथित रणनीति उल्टी भी पड़ सकती है।