नई दिल्ली/लखनऊ। गाजियाबद के मुस्लिम बुज़ुर्ग की पिटाई के मामले में सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। धार्मिक भावनाओं को भड़काने के मामले में ट्विटर के खिलाफ यह मुकदमा दर्ज किया गया है। गाज़ियाबाद के लोनी बॉर्डर थाने में ट्विटर के अधिकारियों के समेत कुल नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। 

ट्विटर पर आरोप है कि उसने अपने प्लेटफॉर्म से गलत सूचना को हटाने की जहमत नहीं उठाई। जिस वजह से यह धार्मिक भावनाओं को भड़काने का कारण बनी। पुलिस थाने में आईपीसी की धारा 153, 153A, 295A, 505, 120B के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। 

दरअसल हाल ही में गाज़ियाबाद के एक मुस्लिम बुज़ुर्ग की पिटाई का वीडियो वायरल हुआ था। पीड़ित अब्दुल समद ने यह आरोप लगाया था कि अज्ञात लोगों ने जय श्री राम और वंदे मातरम् के नारे न लगाने के चलते उनके साथ बदसलूकी की। लेकिन जांच में अब्दुल समद का आरोप गलत निकला। पिटाई करने वाले सभी युवक और बुज़ुर्ग एक दूसरे से परिचित थे। 

पिटाई करने वाले युवकों का कहना था कि अब्दुल समद ताबीज़ बेचने का काम करता था। उसकी ताबीज़ से उनके परिचित लोगों पर गलत असर हुआ। पुलिस ने बुज़ुर्ग की पिटाई में शामिल मुख्य आरोपी परवेश गुज्जर को गिरफ्तार किया है। वहीं मंगलवार को दो अन्य आरोपी कल्लू और आदिल को भी गिरफ्तार कर लिया गया।

14 जून को गाज़ियाबाद पुलिस ने इस मामले में एक स्पष्टीकरण भी जारी किया था। ट्विटर पर आरोप है कि पुलिस द्वारा स्पष्टीकरण जारी करने के बावजूद ट्विटर ने कोई कार्रवाई नहीं की और न ही उन ट्वीट को डिलीट किया। 

भारत में अपनी कानूनी सुरक्षा खो चुका है ट्विटर

दरअसल ट्विटर ने अब तक भारत में लागू नए आईटी नियमों का अनुपालन नहीं किया है। 25 मई को अल्टीमेटम की अवधि समाप्त होने के बाद अब ट्विटर पर किसी भी तरह की कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। कानूनों का अनुपालन नहीं करने की वजह से ट्विटर भारत में अपनी कानूनी सुरक्षा खो चुका है।