पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के तारिखों की घोषणा के बाद से प्रदेश में हर पल सियासी हवा का रुख बदल रहा है। सोमवार को लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी के खेमे में पूर्व सांसद आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद और बेटे चेतन आनंद शामिल हुए हैं। बाहुबली आनंद मोहन की पत्नी और बेटे के शामिल होना आरजेडी के लिए बड़ा सफलता माना जा रहा है।

सोमवार (28 सितंबर) को आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने दोनों को राबड़ी देवी के आवास 10 सर्कुलर रोड पर पार्टी की सदस्यता दिलाई। इसके पहले लवली आनंद ने तेजस्वी यादव से भी मुलाकात की। इस दौरान लवली आनंद ने प्रदेश की नीतीश सरकार पर राजपूतों के साथ धोखा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'नीतीश सरकार जुल्मी सरकार है। उन्होंने आनंद मोहन समेत सभी बड़े नेताओं को जेल में डाल रखा है। यह सरकार धोखेबाज है, जनता अब उन्हें सबक सिखाएगी। सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए हम राजद के साथ खड़े हैं।'

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राजपूत वोट पर आरजेडी की नजर

इस दौरान आनंद मोहन और लवली आनंद के बेटे चेतन चौहान ने कहा, 'हमारे साथ धोखा हुआ है। महाराणा प्रताप के जयंती के दिन कहा कुछ गया और किया कुछ गया।' इन दोनों के पार्टी में आने के बाद आरजेडी अब राजपूत वोट पर सेंधमारी करने की तैयारी में है। राजपूत नेता जगदानंद सिंह को प्रदेश का कमान सौंपने के बाद अब इन दोनों को पार्टी में शामिल किया गया है जिससे स्पष्ट है कि इस बार पार्टी की नजर राजपूत वोटर्स पर है। जानकारों का मानना है कि राजपूत वर्ग लंबे समय से आरजेडी के खिलाफ रहा है लेकिन अब नीतीश कुमार के उदासीन रवैए और आरजेडी में दिग्गजों के शामिल होने के बाद प्रदेश का एक बड़ा वर्ग का वोट आरजेडी में ट्रांसफर हो सकता है।

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कौन हैं आनंद मोहन ? 

आनंद मोहन 90 के दशक में उतरी बिहार के बाहुबली नेता माने जाते थे। 1990 में बतौर विधायक अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने के चार साल बाद ही उनकी पत्नी लवली आनंद सांसद बनकर दिल्ली पहुंची थी। साल 1996 में आनंद मोहन ने जेल से ही समता पार्टी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था और जितने में सफल रहे थे। दो बार सांसद रह चुके आनंद मोहन उस दौरान राजपुत समुदाय के बीच प्रदेशभर में खासे लोकप्रिय थे। फिलहाल वह गोपालगंज के डीएम जी.कृष्णया की हत्या के मामले में जेल में बंद हैं।