गाजियाबाद। नेशनल कैपिटल रीजन गाजियाबाद में नंदग्राम स्थित दलित छात्र-छात्राओं के होस्टल को डिटेंशन सेंटर बनाने के आदेश को सरकार ने निरस्त कर दिया है। उत्तरप्रदेश की योगी सरकार बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती द्वारा इसका विरोध करने के बाद बैकफुट पर आ गई है। सरकार ने फैसला कहा है कि अब यहां दलित छात्र-छात्राओं के लिए होस्टल ही रहेगा। बता दें कि इसके पहले सरकार ने इन होस्टल्स में वीजा मानदंडों का उल्लंघन करने वाले अवैध घुसपैठियों के लिए खुली जेल में तब्दील करने का निर्णय लिया था।

बीएसपी चीफ मायावती ने मामले पर गुरुवार को ट्वीट कर योगी सरकार को निशाने पर लिया था। मायावती ने कहा था कि, 'गाजियाबाद में बीएसपी सरकार द्वारा निर्मित बहुमंजिला डा. अम्बेडकर एससी एसटी छात्र हास्टल को ’अवैध विदेशियों’ के लिए यूपी के पहले डिटेन्शन सेन्टर के रूप में कनवर्ट करना अति-दुःखद व अति-निन्दनीय। यह सरकार की दलित-विरोधी कार्यशैली का एक और प्रमाण। सरकार इसे वापस ले बीएसपी की यह मांग।'

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मायावती के ट्वीट के बाद प्रदेश की राजनीति गरमाने लगी थी हालांकि इसके तुरंत बाद सरकार ने अपने इस निर्णय को बदल दिया। इस बात की पुष्टि करते हुए गाजियाबाद के जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने मीडिया को बताया है कि शासन ने इस छात्रावास को डिटेंशन सेंटर में तब्दील करने के प्रस्ताव को निरस्त कर दिया है। अब यहां दलित छात्र-छात्राओं के लिए होस्टल ही रहेगा।

योगी सरकार के इस निर्णय के बाद उत्तरप्रदेश में बन रहे पहले डिटेंशन सेंटर्स पर रोक लग गई है। यदि यह डिटेंशन सेंटर बनता तो प्रदेश का पहला और भारत का 12वां डिटेंशन सेंटर होता। बता दें कि नंदग्राम में दलित छात्र-छात्राओं के लिए दो अलग-अलग छात्रावास बनाए गए थे। साल 2011 में निर्मित इन छात्रावासों की 408 छात्र-छात्राओं की क्षमता है। बीते दिनों योगी सरकार ने दोनों अंबेडकर होस्टल्स को डिटेंशन सेंटर बनाने का आदेश दिया था।