नई दिल्ली। हाथरस में दलित युवती के साथ दरिंदगी के बाद योगी सरकार इस केस के पीड़ितों को सज़ा दिलाने से ज्यादा ज़ोर इस वारदात के बाद फूटे जन-आक्रोश को साज़िश करार देने में लगा ही है। इस बीच, हाथरस के गांव में पीड़ित परिवार खौफ के साये में जीने को मजबूर है। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक अब पीड़ित परिवार ने गांव छोड़ने की बात कही है। परिवार का कहना है कि उन्हें लगातार मौत का डर सता रहा है। पूरे गांव में कोई भी उनकी मदद नहीं कर रहा है।



जान से मारने की धमकी मिल रही है 



मीडिया में दिए बयान में पीड़िता के पिता ने कहा कि गांव में जिस तरह के हालात बनते जा रहे हैं, उससे तो हमें भविष्य में सिर्फ मौत दिखाई दे रही है। हम कहीं भी चले जाएंगे, भीख मांगकर खाएंगे लेकिन गांव वापस नहीं आएंगे। हमने अपनी एक बेटी खोई है, अब आगे और कुछ भी झेलने की हिम्मत नहीं है। पीड़िता के भाई ने कहा कि हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि यहां पर ज्यादा दिन तक रहना मुश्किल है। छोटे भाई को कई बार जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं।



पीड़िता के पिता और भाई ने कहा कि आरोपियों के परिवार की ओर से उन पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। जिससे उनका पूरा परिवार डरा हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारे साथ जो हादसा हुआ है उसके बाद किसी ने भी हमारी मदद नहीं की है। बल्कि हर कोई हमारे परिवार से दूरी बनाने की कोशिश कर रहा है। हमारे पास गांव छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। हम किसी रिश्तेदार के यहां चले जाएंगे।



राहुल ने कहा, हर हिंदुस्तानी को सच्चाई जाननी चाहिए 



इस बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाथरस में पीड़िता के परिवार से अपनी मुलाकात का वीडियो साझा करते हुए बुधवार को कहा था कि हर हिंदुस्तानी को इस अन्याय की सच्चाई जाननी चाहिए। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “देखिए, हाथरस पीड़िता के परिवार को उप्र सरकार के कैसे-कैसे शोषण और अत्याचार का सामना करना पड़ा. उनके साथ हुए अन्याय की सच्चाई हर हिंदुस्तानी के लिए जानना बहुत ज़रूरी है।”



 





 



14 सितंबर को दलित लड़की के साथ हुई थी दरिंदगी 



14 सितंबर को हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 19 साल की दलित लड़की से गैंगरेप की वारदात सामने आई थी। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक पहले तो लड़की को रीढ़ की हड्डी में चोट और जीभ कटने की वजह से अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया और फिर उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाया गया, जहां 29 सितंबर को आखिरकार उसकी मौत हो गई थी।