नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक दलित युवती के गैंगरेप और हत्या का मामला अब बढ़ता ही जा रहा है। युवती के साथ हुई हैवानियत ने आठ साल पहले दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप और हत्या की कड़वी यादें ताजा कर दी हैं। मृतक युवती के परिवार के मुताबिक आरोपियों ने ना केवल उसका गैंगरेप किया बल्कि उसकी जवान काट दी और रीढ़ की हड्डी भी तोड़ दिया।इस बर्बर घटना से एक और पूरा देश जहां स्तब्ध और आक्रोश में है, वहीं विपक्ष सरकार पर निशाना साध रहा है। घटनाक्रम सामने आने के बाद पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठ रहे हैं। 



ताजा घटनाक्रम में भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद पीड़िता के परिवार के साथ दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में धरने पर बैठ गए हैं। यहीं पर बुरी तरह से घायल युवती ने अंतिम सांस ली। इस घटना के खिलाफ कांग्रेस भी प्रदर्शन के लिए दिल्ली के विजय चौक पर उतरी। सभी प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।





कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने इसे उत्तर प्रदेश की सरकार पर कलंक बताया है। साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार और आगरा पुलिस पर भी सवाल उठाए, जो लगातार इस घटना को फेक न्यूज बता रहे थे और इसे बलात्कार कहने वाले पत्रकारों और विपक्षी नेताओं पर कार्रवाई की बात कर रहे थे। उन्होंने पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस घटना में उसने आठ दिन तक बलात्कार की धारा में मुकदमा दर्ज नहीं किया और आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी नहीं की। 



कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने  इस घटना को लेकर राष्ट्रीय मीडिया पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि युवती के साथ जो हुआ वो बर्बर है लेकिन इसे किसने बढ़ावा दिया। उन्होंने कहा कि हमारा मीडिया सिर्फ बॉलीवुड की कहानियों में उलझा रहता है और हाथरस तक नहीं पहुंच पाता। उन्होंने सवाल पूछा कि एक समाज के रूप में हमें क्या हो गया है? 





आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने इस नृशंस घटना पर योगी सरकार को घेरते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में लगातार दलित युवितियों और बच्चियों का बलात्कार हो रहा है और योगी सरकार बलात्कारियों को बचाने में लग जाती है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार जब चिन्मयानंद जैसे बलात्कार आरोपियों के समर्थन में खड़ी हो जाती है तो उससे यह उम्मीद कैसे करें कि वो उत्तर प्रदेश की बेटियों को बचा पाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की सारी ताकत विरोधियों की आवाज को दबाने में जा रही है ना कि कानून व्यवस्था को सुधारने में। 



संजय सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी का 2017 का एक पुराना वीडियो भी साझा किया, जिसमें वो ये कहते नजर आ रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में बलात्कार इसलिए होते हैं कि क्योंकि तत्कालीन सरकार गुंडो और असामाजिक तत्वों को संरक्षण देती है। संजय सिंह ने कहा कि आज यही बात योगी आदित्यनाथ की सरकार पर लागू होती है। 





वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की असंवेदनशील सरकार से अब कोई उम्मीद नहीं बची है। उन्होंने कहा कि हाथरस की गैंगरेप और दरिंदगी की शिकार एक बेबस दलित बेटी ने आखिरकार दम तोड़ ही दिया। नम आंखों से पुष्पांजलि। यह उत्तर प्रदेश के बहन बेटियों वाले परिवारों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण शासनकाल है। 



दूसरी तरफ बसपा सुप्रीमो मायावाती ने भी इस घटना की निंदा की। हालांकि, उन्होंने सरकार की कानून व्यवस्था पर कोई सवाल नहीं उठाया। उन्होंने सरकार से मांग की अपराधियों को जल्द से जल्द सजा मिले। 



कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए जवाबदेह ठहराया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था का कोई नामो निशान नहीं है और लगातार अलग-अलग जिलों मे महिलाओं के खिलाफ अपराध हो रहे हैं। 





उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने सवाल पूछा कि आखिर किसके कहने पर मामले में 8 दिन तक गैंगरेप की धारा नहीं जोड़ी गई? पीड़िता पर बयान बदलने के लिए किसने दबाव बनाया? एयर एंबुलेंस सिर्फ बड़े लोगों के लिए क्यों? सरकार के अधिकारी ने किसको बचाने के लिए घटना को फेक बताया? आरोपी एक जाति विशेष के हैं, इसलिए ये सब हुआ? सीएम को जवाब देना होगा।