नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली स्थित हिन्दू राव हॉस्पिटल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने पिछले चार महीनों से वेतन न मिलने को लेकर बुधवार को जमकर प्रदर्शन किया। उतरी दिल्ली नगर निगम में स्थित इस अस्पताल के डॉक्टरों ने प्रतीकात्मक अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा कर दी है। बता दें कि यह अस्पताल दिल्ली का सबसे बड़ा 900 बिस्तर वाला कोविड-19 डेडिकेटेड हॉस्पिटल है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक वेतन को लेकर किए गए इस विरोध प्रदर्शन में सिर्फ कोरोना वार्ड में ड्यूटी न देने वाले डॉक्टर्स ही शामिल हुए। प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों ने मीडिया से कहा, 'हमने बिना वेतन के 4 महीने तक काम किया, यह देखते हुए कि यह हर किसी के लिए एक मुश्किल समय था। बिना वेतन के कोई भी काम कब तक कर सकता है? हम असहाय हैं।'

बताया जा रहा है कि मामले में दिल्ली के अन्य सरकारी अस्पतालों में कार्यरत रेजिडेंट डॉक्टर्स और उनके संगठन ने भी निगम व दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर तत्काल वेतन भुगतान करने की मांग की है। ऐसे में कहा जा रहा है कि आने वाले समय में वेतन नहीं मिलने पर अलग-अलग अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स अपने-अपने अस्पतालों में विरोध प्रदर्शन करेंगे।

बीजेपी-आप की सियासी लड़ाई से बिगड़े हालात

डॉक्टरों-कर्मचारियों को चार महीने से वेतन नहीं दिए जाने के इस मामले में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के नेता एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। दरअसल हिंदू राव अस्पताल का संचालन उत्तरी दिल्ली नगर निगम करता है, जिस पर बीजेपी का कब्जा है। लेकिन इसके लिए बजट देना दिल्ली सरकार की जिम्मेदारी है।

उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर और बीजेपी नेता जय प्रकाश ने मीडिया से कहा है कि वे इस मसले को सुलझाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। दूसरी तरफ, बीजेपी के एक अन्य नेता और नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन छैल बिहारी गोस्वामी का आरोप है कि दिल्ली सरकार ने निगम के करोड़ों रुपये रोक रखे हैं, जिसमें वेतन के मद में आवंटित बजट प्रावधान की रकम भी शामिल है। गोस्वामी का कहना है कि दिल्ली सरकार के फंड रिलीज़ नहीं करने की वजह से ही वे हिंदूराव अस्पताल के डॉक्टरों-कर्मचारियों को वेतन का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं।

जवाब में आम आदमी पार्टी के नेता कहते हैं कि बीजेपी के नेतृत्व में एमसीडी कोई काम ठीक से नहीं कर रही। सफाई का मसला हो, बीमारियों से लड़ने की बात या स्कूलों का संचालन, भारी भ्रष्टाचार में लिप्त बीजेपी एमसीडी के जरिए कोई काम ठीक से नहीं कर रही। आप का कहना है कि अगर बीजेपी के लोग एमसीडी को नहीं संभाल पा रहे, तो वे इस्तीफा दे दें। लेकिन दो दलों की इस राजनीतिक लड़ाई का खामियाज़ा हिंदूराव अस्पताल के उन डॉक्टरों-कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है, जो कोरोना महामारी के बीच जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं।