नई दिल्ली/कोलकाता। पश्चिम बंगाल में सियासी पारा लगातार गरमाता जा रहा है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 19 दिसंबर को दो दिन के दौरे पर पश्चिम बंगाल जाएंगे। गृह मंत्री वहां बीजेपी के तीन अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल होंगे। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले के बाद गृहमंत्री के दौरे के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक गृहमंत्री पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने तक हर महीने पश्चिम बंगाल जाते रहेंगे। अमित शाह इससे पहले नवंबर में भी पश्चिम बंगाल जा चुके हैं। 

राज्यपाल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट

पश्चिम बंगाल में बीजेपी अध्यक्ष नड्डा के काफिले पर पथराव के बाद बीजेपी और टीएमसी में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। इस बीच राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंप दी है। इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को ट्वीट करके कहा था, ‘‘बंगाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा जी के ऊपर हुआ हमला बहुत ही निंदनीय है, उसकी जितनी भी निंदा की जाए वो कम है। केंद्र सरकार इस हमले को पूरी गंभीरता से ले रही है। बंगाल सरकार को इस प्रायोजित हिंसा के लिए प्रदेश की शांतिप्रिय जनता को जवाब देना होगा।’’

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नड्डा के काफिले पर पथराव के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय राज्यपाल के अलावा पश्चिम बंगाल के डीजीपी और मुख्य सचिव से भी जवाब तलब किया है। गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को अपने एक लिखित संदेश में इस पूरे घटनाक्रम की एक विस्तृत रिपोर्ट भेजने के लिए कहा है। 

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मामले में बीजेपी के आरोपों का करारा जवाब दिया है। ममता बनर्जी ने बीजेपी के आरोपों को नाटक बताते हुए कहा है कि बीजेपी के कार्यकर्ता हर दिन रैलियों में हथियार लेकर आते हैं। वे खुद को थप्पड़ मार रहे हैं और आरोप तृणमूल कांग्रेस पर लगा रहे हैं। ममता बनर्जी ने कहा कि जब वे बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ और सेना के जवानों के साथ घूम रहे हैं तो इतने भयभीत क्यों हैं ? 

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दरअसल पश्चिम बंगाल में ये सारा सियासी संघर्ष अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर हो रहा है, जिसमें बीजेपी किसी भी तरीके से जीत हासिल करना चाहती है। पार्टी के बड़े नेता इसीलिए लगतार पश्चिम बंगाल का दौरा कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल की 294 सदस्यों वाली विधानसभा के लिए अगले साल अप्रैल-मई में चुनाव होने हैं।