नई दिल्ली। कोरोना वायरस और आर्थिक तंगी से जूझ रहे भारत में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की आवश्यकता को लेकर लंबे समय से सवाल खड़े हो रहे थे। विपक्ष लगातार यह पूछ रही है कि जब देश के लोग दाने-दाने को तरस गए, अस्पतालों में मरीजों को सांस नहीं मिल पाई, अस्पतालों की कमी ने हजारों मासूमों को अनाथ कर दिया 20 हजार करोड़ की लागत से नया भवन क्यों बनाया जा रहा है। विपक्ष के इन सवालों का केंद्र सरकार ने दो टूक जवाब दिया है। जवाब यह कि यहां आइसक्रीम खाने में मजा आएगा।



केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पूरी आज सेंट्रल विस्टा एवेन्यू और नए संसद भवन के कामकाज का जायजा लेने पहुंचे थे। पूरी ने इस दौरान निर्माण कार्य के प्रगति की पहली तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट की है। चूंकि, इलाके में मीडिया को जाने से रोक लगा दिया गया है, इस कारण आमलोग भवन नहीं देख पाए थे।



केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, 'हमारे मजदूरों की मेहनत और लगन आने वाली पीढ़ियों के लिए स्थापत्य विरासत को आकार दे रही है। आज मैने सेंट्रल विस्टा एवेन्यू और नए संसद भवन का दौरा किया। विद्वानों को यह बताते हुए खुशी महसूस हो रही है कि शाम को यहां आइसक्रीम खाने का आनंद पहले से भी ज़्यादा आएगा।' 





केंद्रीय मंत्री के इस ट्वीट ने सरकार की मंशा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए है। ट्वीटर यूजर अनुराग सिंह ने कहा है कि आप कोरोना मृतकों के परिजनों को मुआवजा नहीं दे रहे हैं, क्योंकि आपके लिए आइसक्रीम उससे ज्यादा जरूरी है।



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मध्यप्रदेश यूथ कांग्रेस के नेता विवेक त्रिपाठी ने इसे शर्मनाक करार दिया है। त्रिपाठी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशवासियों की लाशों के ऊपर आइसक्रीम खाने के लिए लोकेशन बना रहे हैं। इतिहास उन्हें माफ नहीं करेगा। यह वैसा ही है कि जब रोम जल रहा था तो नीरो बांसुरी बजा रहा था, उसी तरह जब भारत के लोग मर रहे हैं तो मोदी इवनिंग आइसक्रीम की व्यवस्था कर रहे हैं। देश ने इससे घृणित प्रधानमंत्री कभी नहीं देखा।'



यह वाकई हैरान करने वाली बात है कि आर्थिक मोर्चे पर जूझ रहे देश में इतना महंगा भवन बनाया जाता है। जब जनता भूखे मर रही है तब केंद्र के मंत्री आइसक्रीम खाने के लिए जगह ढूंढ रहे हैं।