नई दिल्ली। संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र की शुरुआत सोमवार से हो गई। राज्यसभा और लोकसभा दोनों ही सदनों में सदस्यों ने हिस्सा लिया। राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक कविता के साथ अपने भाषण की शुरुआत की। उन्होंने इस कविता के जरिए सरकार को घेरा और कहा कि बदलना है तो हालात बदलें, नाम बदलने से कुछ नहीं होता।



कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'बदलना है तो अब हालात बदलो, ऐसे नाम बदलने से क्या होता है? देना है तो युवाओं को रोजगार दो, सबको बेरोजगार करके क्या होता है? दिल को थोड़ा बड़ा करके देखो, लोगों को मारने से क्या होता है? कुछ कर नहीं सकते तो कुर्सी छोड़ दो, बात-बात पर डराने से क्या होता है?, अपनी हुक्मरानी पर तुम्हें गुरूर है, लोगों को डराने-धमकाने से क्या होता है?'





राज्यसभा में विपक्ष के नेता खड़गे ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू जब देश के प्रधानमंत्री थे, तो देश की नींव पड़ रही थी। और जो पत्थर नींव में पड़ते हैं वे नहीं दिखते हैं, जो दीवार पर लिखे जाते हैं वहीं दिखते हैं। उन्होंने सभापति जगदीप धनखड़ से कहा कि आप बहुत दिलदार हैं। आपसे गुजारिश करता हूं कि संजय सिंह और राघव चड्डा को वापस बुला लें। जितने भी महान नेता इस सदन का हिस्सा बने हैं। फिर वो अमीर हो या गरीब सबका एक ही वोट रहा है।



मल्लिकार्जुन खड़गे ने आगे कहा, 'आजादी के बाद जब हमने लोकतंत्र अपनाया, तो बहुत से विदेशी विद्वानों को लगता था कि यहां लोकतंत्र विफल हो जाएगा क्योंकि यहां करोड़ों अंगुठे छाप लोग हैं। तब ब्रिटिश प्रधानमंत्री चर्चिल ने यहां तक कहा था कि अंग्रेज चले गए तो उनके द्वारा स्थापित न्यापालिका, स्वास्थ सेवाएं, रेलवे और लोक निर्माण का पूरा तंत्र खत्म हो जाएगा। इतना कम आंका कि हमको कि ये लोग अनपढ़ है, अंगूठा छाप हैं, लोकतंत्र को केसे टिकाएंगे, हमने टिका कर दिखाया। हमें बार-बार टोका जाता है कि 70 साल में क्या किया आपने, हमने 70 साल में इस देश के लोकतंत्र को मजबूत किया... हमारे नड्डा साहब हमें छोटा करने के लिए INDI बोलते हैं, नाम बदलने से कुछ नही होता हम हैं INDIA।'



राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'नेहरू जी का मानना था कि मजबूत विपक्ष की अनुपस्थिति का अर्थ है कि व्यवस्था में महत्वपूर्ण खामियां हैं। अगर मजबूत विपक्ष नहीं है तो यह ठीक नहीं है। अब जब एक मजबूत विपक्ष है, तो ED, CBI के माध्यम से इसे कमजोर करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है...उन्हें (अपनी पार्टी में) ले जाओ, उन्हें वॉशिंग मशीन में डाल दो और जब वे पूरी तरह साफ होकर बाहर आ जाएं तो उन्हें (अपनी पार्टी में) स्थायी कर दो। आप देख सकते हैं कि आज क्या हो रहा है। पीएम संसद में कम ही आते हैं और जब आते हैं तो इसे इवेंट बनाकर चले जाते हैं।'