कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने तीन नए आपराधिक कानूनों के लागू होने को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। खड़गे ने सोमवार को कहा कि इन तीनों कानून को विपक्ष के 146 सांसदों को निलंबित करने के बाद पारित कराया गया था, लेकिन अब 'इंडिया' (इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस) गठबंधन इस तरह से ‘‘बुलडोजर न्याय’’ संसदीय प्रणाली पर नहीं चलने देगा।
भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) 2023 आज से पूरे देश में प्रभावी हो गए हैं। इन तीनों कानून ने ब्रिटिश कालीन कानूनों क्रमश: भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली है।
खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट किया, 'चुनाव में राजनीतिक एवं नैतिक झटके के बाद (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी जी और भाजपा के नेता संविधान का आदर करने का खूब दिखावा कर रहे हैं, पर सच तो यह है कि आज से जो आपराधिक न्याय प्रणाली के तीन कानून लागू हो रहे हैं, वे 146 सांसदों को निलंबित कर जबरन पारित किए गए।'
उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन अब ये ‘‘बुलडोज़र न्याय’’ संसदीय प्रणाली पर नहीं चलने देगा। सोमवाद को संसद सत्र शुरू होते ही कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में आपराधिक कानूनों के संदर्भ में चर्चा की मांग करते हुए लोकसभा में कार्यस्थगन का नोटिस दिया है। इसके पहले कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने इसे कट, कॉपी, पेस्ट कानून बताया था।