नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने लद्दाख का दो दिवसीय दौरा शुरू किया। पैंगोंग झील के दक्षिणी तट के आस-पास यथास्थिति को बदलने के चीन के हालिया प्रयासों के मद्देनजर क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति की व्यापक समीक्षा करने के मकसद से सेना प्रमुख का यह दौरा हो रहा है। बताया जा रहा है कि उन्होंने सैनिकों से किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है। बताया जा रहा है कि थल सेनाध्यक्ष भारतीय सैनिकों की तैयारी का जायजा लेंगे। 

पेगोंग झील इलाके में उस वक्त तनाव बढ़ गया था जब चीन ने झील के दक्षिणी तट में कुछ इलाकों पर कब्जा करने का असफल प्रयास किया जिसके बाद भारत ने संवेदनशील क्षेत्र में अतिरिक्त सैनिक एवं हथियार भेजे।

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भारतीय सेना ने 31 अगस्त को कहा कि चीनी सेना ने 29 और 30 अगस्त की दरम्यानी रात को पेगोंग झील के दक्षिणी तट पर “एकतरफा” तरीके से यथास्थिति बदलने की ‘‘उकसाने वाली सैन्य गतिविधियां” की लेकिन भारतीय सैनिकों ने उसके प्रयास को विफल कर दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने एक सितंबर को कहा कि चीन की पीपल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) फिर से एक दिन पहले “उकसाने वाली कार्रवाई” कर रही थी जब दोनों पक्ष के कमांडर स्थिति को सामान्य बनाने के लिए वार्ता कर रहे थे।

इन प्रयासों के बाद, भारतीय सेना ने पेगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर कम से कम तीन रणनीतिक चोटियों पर अपनी उपस्थिति बढ़ा दी थी। बताया जा रहा है कि एहतियात के तौर पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के भारतीय हिस्से में पैंगोग झील के उत्तरी तट पर सैनिकों की तैनाती में कुछ “फेर-बदल” भी किए गए हैं।