नई दिल्ली। कोरोना काल में दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं का बुरा हाल हुआ। भारत की इकोनॉमी पर भी इसका असर हुआ है। पहले लगे पूर्ण लॉकडाउन और बाद में कई छोटे-छोटे लॉकडाउन ने देश की अर्थव्यवस्था काफी नुकसान पहुंचाया। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का कहना है कि इससे इकोनॉमी को उबरने में अब 15 साल का वक्त लगेगा।

आरबीआई ने हाल में अपनी 2021-22 की Report on Currency and Finance (RCF) जारी की। इसी रिपोर्ट में केंद्रीय बैंक ने कहा है कि कोरोना महामारी से अर्थव्यवस्था को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई में 15 साल का वक्त लगेगा। 

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यह रिपोर्ट भारतीय अर्थव्यवस्था की गंभीर तस्वीर पेश करती है। इसकी थीम Revive and Reconstruct है, जिसे कोविड के बाद स्थायी रिकवरी और मध्यावधि में ग्रोथ के ट्रेंड को बढ़ाने के संदर्भ में तैयार किया गया है।

केंद्रीय बैंक ने अपनी रिपोर्ट में इकोनॉमी की चाल बदलने के लिए 7 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान देने के लिए कहा है। इसमें कुल डिमांड को बढ़ाना और इसके अनुकूल सप्लाई करना शामिल है। देश की आर्थिक सेहत अच्छी रहे, इसके लिए RBI ने सरकार के ऊपर कर्ज के बोझ को भी कम करने की बात कही है। केंद्रीय बैंक का कहना है कि अगर भारत को मध्यावधि में अपनी ग्रोथ को सुरक्षित रखना है तो उसे अगले 5 साल में सरकार पर कर्ज के बोझ को GDP के 66% से नीचे लाना होगा।