नई दिल्ली/भोपाल। इन दिनों अवेस्टर्न नामक कंपनी के विज्ञापन में यह दावा किया जा रहा है कि अनुबंध पर रेलवे के विभिन्न पदों पर नियुक्तियां की जा रही हैं। कंपनी ने एक प्रमुख हिन्दी अख़बार में यह विज्ञापनप्रकाशित करवाया है। इस विज्ञापन की खबर लगते ही रेलवे ने स्पष्टीकरण देते हुए इस विज्ञापन को फर्जी करार दे दिया है। मंत्रालय ने विज्ञापन को लेकर अपने ट्वीटर अकाउंट से स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि रेलवे में नियुक्ति के नाम पर जो विज्ञापन अख़बार में छपा है वो पूर्ण रूप से फर्जी है। 



दरअसल बीते दिनों अवेस्टर्न नामक कंपनी ने रेलवे की नियुक्तियों के नाम पर एक विज्ञापन जारी किया था। अपनी अधिसूचना में कम्पनी ने रेलवे में जूनियर असिस्टेंट के 600 पद, कंट्रोल के 35, बुकिंग क्लर्क के 430, गेटमैन के 1200, कैंटीन सुपरवाइजर के 350 पदों सहित कुल 5,825 पदों पर आवेदन की अधिसूचना जारी की थी। यह सभी आवेदन बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, और झारखंड से मंगाए गए थे। आवेदन शुल्क 750 रुपए निर्धारित किया गया था। इसे हिंदी के प्रमुख अख़बार ने बिना क्रॉस वेरिफाई किए छाप दिया। लेकिन जल्द ही इस विज्ञापन का भांडाफोड हो गया और सारी सच्चाई सामने आ गई। 





कांग्रेस नेता देवाशीष जरारिया ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि बेरोज़गारी की ऐसी हालत है कि अब फर्जी विज्ञापनों के जरिए लोगों को ठगने का प्रयास किया जा रहा है। जरारिया ने कम्पनी के विज्ञापन को अपने अख़बार में जगह देने वाले हिन्दी अखबार को निशाने पर लेते हुए कहा है कि अख़बार की वजह से न जाने कितने छात्र ठगी के शिकार बन चुके हैं।



इंटेरव्यू के बाद सीधे भर्ती करने का दावा



इस फर्जी विज्ञापन में साक्षात्कार के आधार पर नियुक्ति करने का दावा किया गया है। विज्ञापन में सभी पदों के लिए 18 से 40 वर्ष उम्र निर्धारित है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने वाले अभ्यर्थियों का ही फॉर्म एक्सेप्ट करने की बात कही गई है। ऑनलाइन आवेदन समर्पित करने की अंतिम तिथि 10 सितंबर 2020 निर्धारित किया गया है।