देश और दुनियाभर में कोरोना का दंश सबसे अधिक कोई क्षेत्र झेल रहा है तो वो निश्चित ही विमान सेवा है। कोरोना महामारी के चलते विमान सेवाओं पर पहले के मुकाबले अधिक ब्रेक लगी है। जिसके परिणामस्वरूप ज़्यादातर विमानन कंपनियां आर्थिक तंगी झेल रही हैं। भारत की सबसे बड़ी विमानन कंपनियों में से एक इंडिगो एयरलाइन्स ने अपनी कपंनी में से दस फीसदी कर्मचारियों की छंटनी करने  का निर्णय लिया है। गुरुग्राम स्थित InterGlobe Aviation जो इंडिगो के ऑपरेशन्स और संचालन का काम देखती है, उसके पास मार्च महीने में 23,531 क्रमाचारी काम कर रहे थे।

कंपनी के CEO ने क्या कहा

कंपनी के सीईओ रनॉजॉय दत्ता ने एक बयान बयान जारी करते हुए कहा कि कंपनी इस समय गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रही है और अपना कारोबार जारी रखने के लिए उसे कुछ त्याग करना होगा। उन्होंने कहा कि सभी संभावित परिस्थितियों पर विचार करने के बाद यह साफ है कि हमें अपने 10 फीसदी कर्मचारियों को निकालना होगा। उन्होंने कहा कि ये दुखद कदम उठाने के लिए हम मजबूर हैं।

पहली बार कम्पनी को ऐसा कदम उठाना पड़ रहा है 

सीईओ रनॉजॉय दत्ता ने जानकारी देते हुए कहा कि कंपनी के इतिहास में यह पहला अवसर है जब हमें इतना भारी और मुश्किल कदम उठाना पड़ रहा है। दत्ता ने बताया कि एयरलाइंस ने इससे पहले भी कई कदम जैसे वेतन में कटौती, बिना वेतन की छुट्टी आदि के जरिए भी कंपनी को बचाने की कोशिश की, लेकिन दुर्भाग्यवश ये सभी कुछ नाकाफी साबित हुआ। कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण एविएशन सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हुआ है। देश में करीब दो महीने तक उड़ानों का संचालन पूरी तरह बंद रहा। हालांकि 25 मई से सीमित संख्या में घरेलू उड़ानों की अनुमति दे दी गई। लेकिन इस पूरी तरह पटरी पर लौटने में अभी लंबा समय लगेगा।