श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री सैफुद्दीन सोज़ का गुरुवार को एक वीडियो सामने आया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में वह अपने घर की बाउंड्री के अंदर से मीडिया वालों को ये बताते हुए नजर आ रहे हैं कि वे आजाद नहीं हैं। सोज ने चीखते हुए कहा, 'पिछले साल से सरकार ने मुझे अवैध रूप से नजरबंद करके रखा हुआ है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में झूठ बोला है कि मुझे नजरबंद नहीं रखा गया है। अवैध तरीके से मुझे नजरबंद रखने के लिए मैं सरकार पर मुकदमा करूंगा।' 



जम्मू कश्मीर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सोज की आवाजाही पर कोई पाबंदी नहीं होने की बात जम्मू कश्मीर प्रशासन द्वारा उच्चतम न्यायालय में कहे जाने के बाद भी घर पर नजरबंद दिख रहे हैं। हालांकि जम्मू कश्मीर प्रशासन के प्रवक्ता रोहित कंसल ने ट्वीट कर कहा कि, 'पूर्व केंद्रीय मंत्री सोज हिरासत में नहीं हैं। वह जहां भी जाना चाहें सामान्य सुरक्षा प्रक्रिया के तहत जाने को स्वतंत्र हैं। सुप्रीम कोर्ट में झूठ बोलने का कोई सवाल ही नहीं है।' 



बता दें कि सोज की पत्नी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दाखिल हलफनामे में जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कहा था कि सोज को कभी भी नजरबंद नहीं किया गया है। सुरक्षा मंजूरी होने पर उनकी आवाजाही पर भी कोई पाबंदी नहीं थी। सोज की पत्नी ने अपनी याचिका में सोज को ‘अवैध हिरासत’ से रिहा करने और अदालत के समक्ष उन्हें पेश करने की मांग की थी। हालांकि सरकार के हलफनामे पर उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।



नजरबंदी के बाद गुरुवार को मीडिया के सामने पहली बार आए सोज से जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या आपको बाहर जाने दिया जाता है? इसके जवाब में सोज चहारदीवारी के अंदर से ही कहते दिख रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने कहा कि मुझे नजरबंद नहीं किया गया है। लेकिन यह लोग (सुरक्षाकर्मी) नहीं मानते हैं। ये कहते हैं कि ऊपर से आर्डर है। आप देख सकते हैं शहरी आजादी को क्या हो गया है। मैने तय किया है कि अब मैं कोर्ट जाऊंगा। सोज के इतना कहते कि सादी ड्रेस में आए एक सुरक्षाकर्मी ने चिल्लाकर मीडियावालों को वहां से जाने को कहा और पूर्व केंद्रीय मंत्री को खींचकर पीछे ले गया। इस दौरान सोज चीखकर कहते रहे 'मुझे हाथ मत लगाओ - मुझे हाथ मत लगाओ'। 





 



5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा खत्म होने, राज्य का दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन और धारा 370 को निरस्त किए जाने के बाद थोड़े देर के लिए मीडिया के सामने आए कांग्रेस नेता के इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि वह अपने घर के बाहर खड़े मीडिया कर्मियों से बात भी नहीं कर सकते हैं। उन्होंने बात करना चाहा तो उन्हें खींचकर हटा लिया गया। सोज की वायरल हो रहे इस वीडियो के बाद अब सवाल यह उठता है कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में यह कैसे कहा कि उन्हें नजरबंद नहीं किया गया है जबकि वह सख्त पहरे के बीच हैं?