जम्मू-कश्मीर की छह मुख्य पार्टियों ने साथ आकर पांच अगस्त,2019 से पहले राज्य की स्थिति को बहाल करने के लिए लड़ने का संकल्प लिया है। इन छह पार्टियों में नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, सीपीएम, कांग्रेस, एएनसी और पीपल्स कांग्रेस शामिल हैं। इन पार्टियों ने चार अगस्त, 2019 को गुपकर घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए थे।

पार्टियों द्वारा जारी किए गए एक साझा वक्तव्य में कहा गया, “हम गुपकर घोषणापत्र से बंधे हुए हैं और आज फिर इस बात को दोहरा रहे हैं कि इसके लिए पूरे दृढ़निश्चय से लड़ेंगे। हम अनुच्छेद 370 और 35(ए) और जम्मू कश्मीर के संविधान की बहाली के लिए लड़ेंगे। राज्य का किसी भी तरह का बंटवारा हमें स्वीकार नहीं है। हम एक स्वर में दोहराते हैं कि हमारे बिना हमारे लिए उठाया गया कोई भी कदम हमें मंजूर नहीं है।”

वक्तव्य में यह भी रेखांकित किया गया कि पांच अगस्त, 2019 को हुए दु:खद घटनाक्रम ने जम्मू कश्मीर और केंद्र के बीच रिश्तों को पहचाने ना जाने वाली सूरत तक बदल दिया है।

यह भी कहा गया कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म किए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटे जाने से कश्मीर के लोगों को अधिकारविहीन कर दिया गया है और साथ ही उनकी मूलभूत पहचान के सामने भी चुनौती खड़ी की है।

इन राजनीतिक पार्टियों ने भारत के उन नागरिकों और संस्थाओं को राज्य के साथ खड़े होने के लिए धन्यवाद दिया, जिन्होंने पांच अगस्त, 2019 को राज्य के संबंध में केंद्र सरकार द्वारा लिए गए फैसलों का विरोध किया। साथ ही पार्टियों ने इन नागरिकों और संस्थाओं से स्थिति की बहाली हो जाने तक समर्थन जारी रखने की भी अपील की।